आज दिनांक 04 सितंबर 2021दिन शनिवार को शनि देव महाराज की पूजा अर्चना से समस्त संकट दूर हो जाते हैं जानिए ÷पंडित ब्रहम दत्त शर्मा शास्त्री के संग (सिरमौर )हिमाचल प्रदेश
04 सितंबर 2021 शनिवार का पंचांग
हिन्दू पंचांग के अनुसार सितंबर 04,2021शनिवार भाद्रपद माह के कृष्ण द्वादशी तिथि है।पंचांग से जाने September 04 का शुभ -अशुभ समय,मुहूर्त और राहूकाल:-
पंचांग 04/09/2021 September 04 ,2021
भाद्रपद मास
कृष्ण पक्ष
द्वादशी तिथि 08:24amतक उपरांत- त्रयोदशी
नक्षत्र -पुष्य-05:45pmतक उपरांत -आश्लेषा
योग -वरीयान-09:38am तक उपरांत -परिघ योग
करण-तैतिल-08:24am तक उपरांत -गर 08:28pm
सितंबर 04 शनिवार को राहू 09:09am से 10:44am तक
चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा ।
सूर्य और चन्द्रमा का समय :-
सूर्योदय – 06:02 am
सूर्यास्त – 06:35 pm
चन्द्रोय- sep 04, 02:52 am
चन्द्रास्त sep 04, 05:16 pm
अशुभ काल:-
राहु -09:09 am – 10:44 am
यमगण्ड – 01:52 pm – 03:26pm
कुलिक- 06:01am – 07:35am
दुर्मुहूर्त- 07:42 am -08:32am
वर्ज्यम् – 06:45am -08:22 am
शुभ काल:-
अभिजीत मुहूर्त – 11:53 am – 12:43 pm
अमृत काल- 11:04am-12:44 pm
ब्रह्म मुहूर्त -04:25 am -05:13 am
सिंहार्क 20 प्रविष्टे
सूर्य सिंह राशि पर है।
चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा( पूरा -दिन-रात)
चन्द्र मास
अमांत – श्रावण
पूर्णिमांत- भाद्रपद
वर्षा ॠतु
शनि प्रदोष व्रत
विधि पूर्वक मन्त्र जाप के अतिरिक्त शनि सम्बन्धी वस्तुओं का दान,सिक्के अथवा पंचधातु की अंगूठी में नीलम धारण करना,शनिवार का व्रत रखना,विधिवत् निर्मित शनि यन्त्र रखना, लोहे की कटोरी में तेल डालकर छाया पात्र करना, औषधि स्नान ,अन्ध विद्यालय या कुष्ठाश्रम में अनाज(उड़द सहित)
भोजन खिलाना, मछलियों को गेहूँ एवं उड़द के आटे की गोलियाँ डालना ,शिव स्तोत्र एवं शनि स्तोत्र का पाठ एवं शनि से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना शुभ एवं कल्याणकारी रहता है।
शनि के दान योग्य वस्तुएँ –
उड़द
काले तिल
काले चने
सरसों का तेल
काली गाय
काला वस्त्र
लोहे का बर्तन
काले जूते
भैंस
कुलथी
कस्तूरी
नीलम
नारियल
काले एवं नीले पुष्प
गरीब वृद्ध व्यक्ति को भोजन कराना शुभ होता है।शनि का दान सायंकाल को करना प्रशस्त माना जाता है।
उपाय-
शनि शुभ होता भी शुभफल प्रकट न कर रहा हो तो निम्न उपाय शुभ होंगे-
(1)घर में नीले रंग के पर्दे तथा नीले रंग की चादरों का प्रयोग करना और स्वयं भी बहुधा नीले रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना शुभ होगा।जब कुण्डली में शनि नीच या अरिष्टकर फल प्रकट कर रहा हो तो निम्न उपाय करें-
(2)स्टील या लोहे की कटोरी में तेलका छाया-पात्र करके तेल पाँच शनिवार तक आंक के पौधे पर अथवा ‘शनिदेव’ के मन्दिर में डालना शुभ होगा।5 वें शनिवार को तेल चढा़ने के बाद तेल वाली कटोरी को वही दबा देना या वहीं चढ़ा देना शुभ होगा।तेल चढ़ाते समय शनि का बीज मन्त्र पढ़ें ।
ॐप्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
ज्योतिषाचार्य:-
पँ. ब्रह्मदत्त शर्मा शास्त्री
जन्मपत्री,हस्तरेखा,व कर्मकाण्ड विशेषज्ञ
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हमारा पता:- श्री पूर्णेश्वर महादेव ज्योतिष कार्यालय पाँवटा साहिब.
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