भारतीय राजनीति में निश्चित हो युवाओं की हिस्सेदारी ÷जितेंद्र सनातनी (रामपुर )उत्तर प्रदेश
आज में फिर से बात युवाओं की रखूँगा,
आज में फिर से बात युवाओं की करूँगा,
देश मे हमसे चलती हैं सरकारें हमसे बनता है देश ओर हम ही सबसे पिछले पायदान पर अपने आप को खड़ा पाते हैं, यह हमारी बदक़िस्मती कह लीजिए या फिर पुराने नेताओं की हमसे जलन या फिर कह लीजिए कि हमे कोई देखना नही चाहता है उस गद्दी पर जिस पर पहले से ही सियार बैठे हुए हैं, या यूं कहूँ कि हम पास में बैठ गए तो नारे कोन लगाएगा, झंडे को लहराएगा,रैली कोन निकलेगा, दरी कुर्सीयां कोन बिछाएगा यह सब भी तो करना होता है, बस इसी सोच के बीच माध्यम वर्गीय परिवार का युवा अपनी 10 साल से 35 साल तक कि आयु निकाल देता है यह सब नारे लगाने में, ओर कुर्सी पर बेठ जाते हैं हवाई जहाज से उतरने वाले नेता जी पैराशूट से उतरते हैं और कर देते हैं एक सीट पर करोड़ो खर्च ओर फिर काम लेते हैं जनता की खुन पसीने से कमाई हुई सारी दौलत ओर कर लेते हैं अपना पैसा पूरा,
उस युवा का क्या हुआ जो मध्यम वर्ग के परिवार से आता है वो बेचारा अब भी अपनी जगह तलाश करता है हर तरफ ओर आखिर में उसको कोई छोटा मोटा पद देकर बैठा बेटे हैं और बस बात खत्म,
अब मेरा सवाल है उस सभी युवाओं से कि क्या तुम इसलिए आए हो कि दरी कुर्सियां बिछाते रहो!
में युवाओं से कहना चाहता हूं पूरे देश के युवा इन दो लाइनों को जरूर याद कर लें-
गर भटक जाओ रास्ता तो कर लेना याद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को,
देश बचाने को हंस कर हो गए थे कुर्बान चुम लिया था फांसी के फंदे को,,
क्या तुम्हारा कोई वजूद नही है उस छेत्र में जंहा तुम रहते हो ! छोड़ो चाटुकारिता पार्टी के नाम की जाती के नाम की अपने नेता के नाम की, अब खुद आगे बढ़ो ओर दिखाओ अपनी ताकत,
लड़ो उस के खिलाफ जो तुम्हे आगे बढ़ने से रोकता हो कूद जाओ हाथ जोड़ो पेर पकड़ो ओर दिलाओ भरोसा कि हम कर के दिखाएंगे सुधार भारतीय राजनीती में,
में युवाओं से कहना चाहूंगा फिर चाहे वो किसी भी श्रेणी से आते हों फिर चाहें वो किसी भी राजनीतिक पार्टी में हों किसी भी जाति या धर्म से हों, अब समय नही बचा है कुद पड़ो सक्रिय राजनीती में ओर अपनी ताकत दिखाओ, सोचो पहले भी क्या था जो खो देंगे, आखिर अब तक भी क्या किया है नारे ही लगाए हैं रैली ही निकाली हैं,
फेल हुए तो फिर निकाल लेना यात्राएं फिर निकाल लेना रैली फिर लगा लेना नारे पर मेरे नोजवान साथियों एक बार बस एक बार अपने हक के लिए जरूर खड़े हो जाएं अपनी बात करें अपनी बात करें अपने लिए नारे लगाएं, कब तक यूँ ही अपनी जिंदगी बर्बाद करते रहोगे, यह समय है कि अपनी मांगों के साथ अपने उद्देश्यों के साथ जनता के सामने नेताओं के सामने जाकर बात करो और सकारात्क ऊर्जा के साथ आगे बढ़ो,
में देश के उन नेताओं से भी कहना चाहता हूं जिनके बस परिवार और दस दस बार विधायक और सांसद बनने के बाद भी इच्छा पूरी नही हो रही है, ऐसा नेताओं को अब कुर्सी युवाओं के लिए छोड़ देनी चाहिए अब उन्हें मौका देना चाहिए जिन्होंने तुम्हारे लिए खुन पसीना बहाया है जिन्होंने न गर्मी देखी है ओर न ही बरसात ओर ही ठंड देखी तुम्हे जिताने के लिए, अब तुम्हारा कर्म बनता है कि ऐसे युवाओं को अपने छेत्र से मौका दो, आगे बढ़ाओ भारत की उस शक्ति को जिसमें सबसे ज्यादा कार्य करने की इच्छाशक्ति है, जो सबसे ज्यादा देश पर कुर्बान होने कब लिए हमेशा तैयार बैठे रहते हैं, ऐसे युवाओं को मौका दो जो अपनी जवानी न्योछावर कर देते हैं देश की रक्षा करने के लिए, ऐसे युवाओं को मौका दें जो 12 घंटे से लेकर 16 घंटे तक काम करता है सारी दिक्कतों का सामना करने के बाबजूद भी हंसता रहता है ऐसा युवा जिसके लिए देश ही सर्वोपरि है ऐसे युवा को आगे लेकर आओ उसे एक मौका देकर देखो,
में सभी से कहना चाहूंगा कि देश के कई राज्यों में चुनाव आने वाले हैं सभी अपनी दावेदारी पेश करें और सार्थक मुद्दों पर चुनाव भी लड़ें, ओर देशवासियों से कहना चाहूंगा कि बहुत हो लिया जाती धर्म के नाम पर वोट, अब युवा के नाम पर उसके काम के नाम पर वोट दें, युवाओं की हिस्सेदारी भारतीय राजनीति में अब पूरी होनी चाहिए,
एक बात और बता दूं सबसे ज्यादा समाजसेवा करने का मन युवाओं का ही होता है उन्हें मौका मिलेगा तो हर तरीके से समाज की देश की बेहतरी के लिए कार्य करेंग,