स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एम.आई.टी. ढालवाला में कार्यक्रम आयोजित
-ऑनलाइन माध्यम से संचालित कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के सचिव एच जी जुयाल ने किया
– कार्यक्रम का शीर्षक “राष्ट्रीयता की भावना निर्माण में खेलों की भूमिका” पर आधारित रहा
ऋषिकेश 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शीर्षक “राष्ट्रीयता की भावना निर्माण में खेलों की भूमिका” पर आधारित रहा,ऑनलाइन माध्यम से संचालित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संस्थान सचिव एच जी जुयाल ने संस्थान के सभी छात्रों , शिक्षकों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस गौरव की अनुभूति कराने वाला दिन है लेकिन भारतीयों ने इस गौरव को महसूस करने और पाने के लिए बड़ी कीमत चुकाई है देश के लाखों वीर शहीदों ने अपने प्राणों की बलि देकर भारत मां का अभिमान जिंदा रखा है इसलिए हमें स्वतंत्रता के लिए दिए गए वीरों के बलिदानों को भूलना नहीं चाहिए और राष्ट्र की एकता अखंडता और प्रगति के लिए संविधान में आस्था रखते हुए नित्य अपने दायित्वों का निर्वाह करते रहना चाहिए।
जिससे भारत के अभिमान और गौरव को सुरक्षित रखा जा सके इसलिए सभी छात्रों का कर्तव्य है कि पूरी ईमानदारी से ज्ञान अर्जित कर उसका उपयोग राष्ट्र उन्नति में करें जिससे हमारा राष्ट्र नित नये प्रगति पथ पर आगे बढ़ता रहे।कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं में डॉक्टर एस के सिंह,प्रदीप पोखरियाल, डॉ0 एल एम जोशी, राजेश चौधरी ने अपने विचारों को प्रस्तुत कर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को भारत की आजादी,एकता और अखंडता की खातिर कंधे से कंधा मिलाकर एकजुट होकर प्रयास करना होगा क्योंकि भारत की आजादी में लाखों वीर युवा शहीदों का बलिदान छुपा हुआ है।
जिस प्रकार भारत की आजादी में शहीद युवाओं के बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते ठीक उसी प्रकार भारत की प्रगति और उन्नति में आज की युवाओं को एक साथ मिलकर कदमताल करते हुए एक युवा भारत का निर्माण करना होगा छात्रों द्वारा कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत करने की श्रंखला में शिक्षा विभाग,आईटी, विज्ञान एवं वाणिज्य विभाग के छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए छात्रों ने भारतीयता की भावना विकसित करने हेतु खेलों को एक सशक्त माध्यम माना।
जिसका ताजा उदाहरण वर्तमान में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा किया गया श्रेष्ठ प्रदर्शन है जिसमें 1 गोल्ड 2 सिल्वर सहित 4 कांस्य पदक कुल 7 पदक भारतीय खिलाड़ियों ने देश के नाम किए खिलाड़ियों की सफलता के इस अवसर पर भारत के सभी धर्मों जातियों विभिन्न आयु वर्गो के व्यक्तियों द्वारा सभी खिलाड़ियों की दिल खोलकर एकजुट होकर एक स्वर में प्रशंसा कर रहे हैं चाहे भारत के राजनीतिक दल हों या राजनीति क्षेत्र के लोग सभी मिलकर भारतीय एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे है यह ऐसा अवसर है।
जिसने संपूर्ण भारत को एकजुट कर दिया है भारत के लगभग 130 करोड़ भारतीयों को एकजुट कर राष्ट्रीयता भारतीयता से ओत प्रोत करने का श्रेय भारत के उन खिलाड़ियों और उनकी खेल भावनाओं को जाता है जिन्होंने अपने प्रदर्शन से संपूर्ण राष्ट्र के लोगों में राष्ट्रीयता का संचार किया इसलिए राष्ट्र की भावना को जागृत करने में खेलों का कितना योगदान हैं उन भारतीय ओलंपिक खिलाड़ियों ने साबित कर दिखाया।
कार्यक्रम समापन के अवसर पर संस्थान निदेशक एवं आई क्यू एसी समन्वयक डा0 ज्योति जुयाल ने छात्रों और शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिस प्रकार खिलाड़ियों का कार्य खेलना होता है तो सभी खिलाड़ियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर भारत का मान बढ़ाया ठीक उसी प्रकार सभी छात्रों और शिक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर भारत के विकास और भारतीयता के स्वाभिमान को विश्व में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए क्योंकि हम सभी के श्रेष्ठ प्रयास ही एक दिन भारत को संपूर्ण विश्व में सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाएंगे।
निर्णायक मंडल द्वारा प्रतिभागी छात्रों को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थानों की घोषणा का निर्णय किया गया।जिसमें मनीषा यादव शिक्षा विभाग से प्रथम स्थान स्नेहा उनियाल वाणिज्य विभाग से द्वितीय स्थान एवं युक्ति शर्मा वाणिज्य विभाग व अनुराधा शिक्षा विभाग दोनों संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमति गीता चंदोला एवं रवि कुमार द्वारा किया गया जिसमें अंशु यादव,डॉ रितेश जोशी, शिल्पी कुकरेजा का विशेष योगदान रहा। डॉ पी पी पुरोहित,राजेश चौधरी डॉ0 एस के सिंह, प्रदीप पोखरियाल डॉ0 एल एम जोशी निर्णायक मंडल में शामिल रहे।संस्थान के सभी विभागों के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं व संस्थान के सभी कर्मचारी इस ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।