• December 22, 2024

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चिन्मयधाम में गीता जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित हुआ संत समागम

 चिन्मयधाम में गीता जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित हुआ संत समागम
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ठाकुर मनोज कुमार/ कमल अग्रवाल

हरिद्वार : भारत माता पुरम भूपतवाला स्थित चिन्मयधाम में गीता जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित संत समागम में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू महाराज ने कहा भगवान श्री कृष्ण ने गीता में जो अर्जुन को उपदेश दिए थे अगर मनुष्य उन उपदेशों में से तनिक मात्र भी ग्रहण कर ले तो उसका जीवन धन्य हो जाए इस पावन नगरी के कदम कदम पर संत महापुरुषों के श्री मुख से ज्ञान की गंगा बहती है और प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भक्तजन उस ज्ञान की गंगा में गोते लगाकर अपने मानव जीवन को सार्थक करते हैं हमारे धर्म ग्रंथ वेद पुराण हमें इस जीवन को सार्थक करने की विधि प्रदान करते हैं जो भी मनुष्य अपने जीवन काल में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कराता है उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि धन-धान्य की वर्षा होती है साथ ही उसके पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है और इस लोक से जाने के बाद भगवान श्री हरि की शरण प्राप्त होती है हमारे ग्रंथो में लिखा एक शब्द सत्य है भगवान कृपा प्रदान करने वाला है हमें सत्य की राह दिखाने वाला है हमारे लिए कल्याण के मार्ग खोलने वाला है साथ ही इस पृथ्वी लोक पर गाय माता साक्षात हम लोगों के बीच हमारे कल्याण हेतु विद्यमान है उनसे प्राप्त होने वाला गोअमृत हमारे जीवन को धन्य कर देता है गाय माता की सेवा इस संसार में सबसे बड़ी है जो भी सच्चे मन से गांय की सेवा करता है उसे अनेकों यज्ञों का फल प्राप्त होता है जो सतगुरु के बताये मार्ग पर चलता है वह सदैव अपने कल्याण की ओर बढ़ता है इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु हमारे सच्चे पथदर्शक होते हैं

इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाला एक-एक वचन भक्तों के लिए कल्याणकारी होता है हमारे धर्म ग्रंथ हमें सत्य की राह पर चलना सीखते हैं तथा इन्हीं पावन ग्रंथ के अध्ययन से मनुष्य जीवन सार्थक हो जाता है जो भी भक्त अपने घर में अपने गुरु धाम में श्री रामायण जी श्री राम चरित्र मानस श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करता है उसे कई वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है हमारे धर्म ग्रंथ हमारे अंधकार भरे मन मस्तिष्क में ज्ञान रूपी सूर्य का उदय कर देते है ज्ञान के बिना यह मनुष्य जीवन पशु के सामान और ज्ञान हमें सिर्फ हमारे गुर जनों से ही प्राप्त हो सकता है हमारे अंधकार भरे मन मस्तिष्क में हमारे धर्मगुरु आध्यात्मिक गुरु दीक्षा गुरु ज्ञान रूपी दीपक का उदय कर अंधकार को दूर कर देते हैं गुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ज्ञान की गंगा होते

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