• September 20, 2024

साक्षात भगवान शिव का अवतार थे भगवान श्रीचंद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

 साक्षात भगवान शिव का अवतार थे भगवान श्रीचंद-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
Sharing Is Caring:

 

ठाकुर मनोज कुमार /कमल अग्रवाल (हरिद्वार )उत्तराखंड

हरिद्वार * उदासीनाचार्य भगवान श्रीचंद्र जयंती के अवसर पर कनखल पहाड़ी बाजार स्थित श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में भगवान श्री चंद्र के विग्रह का भव्य श्रंग्रार किया गया और धर्म ध्वजा फहरायी गयी। मुखिया महंत भगतराम के संयोजन में सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने हवन यज्ञ व आरती कर भोग लगाया और मानव कल्याण के लिए अरदास की।

आरती पूजन के उपरांत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता में संत समागम का आयोजन किया गया। संत समागम में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि उदासीनाचार्य भगवान श्रीचंद्र साक्षात भगवान शिव के अवतार थे। भगवान श्रीचंद्र ने सनातन हिंदू धर्म के उत्थान के लिए तत्कालीन समाज में व्याप्त मत मतांतरों को समाप्त कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि भारत में चार शंकराचार्य पीठ और चार ही शंकराचार्य है। लेकिन अब सैकड़ों स्वयंभू शंकराचार्य पैदा हो गए हैं। ऐसे फर्जी शंकराचार्यो के खिलाफ अखाड़ा परिषद कार्रवाई करेगा और उन्हें प्रयागराज कुंभ में घुसने नहीं दिया जाएगा।

मुखिया महंत भगतराम महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखण्डता और हिंदू धर्म को बचाने में भगवान श्रीचंद ने अहम भूमिका निभायी। भगवान श्रीचंद्र की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन हिंदू धर्म के उत्थान एवं मानव कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समस्त समाज के लिए वंदनीय भगवान श्रीचंद्र ने समाज में ज्ञान का प्रकाश कर अंधकार रूपी अज्ञान को दूर किया। सभी को भगवान श्रीचंद्र की जयंती के अवसर अवसर पर उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, श्रीमहंत रामरतन गिरी, स्वामी भगवत स्वरूप महाराज, श्रीमहंत धुनीदास एवं श्रीमहंत जगतार मुनि ने कहा कि हमेशा मानव कल्याण के लिए प्रयासरत रहने वाले संत महापुरूष वैदिक सनातन धर्म की रीढ़ हैं। संत समागम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने किया।

इस अवसर पर मुख्यिा महंत सुरजीत मुनि, श्रीमहंत धुनीदास, महंत अरूण दास, महंत जसविन्दर सिंह, महंत गोविंददास, महंत राघवेंद्र दास, महंत महंत जगतार मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी अनंतानंद स्वामी चिदविलासानंद, महंत मुरली दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत बलवंत दास, महंत कैवल्यानंद, महंत सूर्यांश मुनि, महंत मंगलदास, महंत त्रिवेणी दास, सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालु मौजूद रहे।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *