• September 20, 2024

पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है : पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज

 पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है : पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज
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अमित गुप्ता( हरिद्वार)

ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक पूज्य सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी महाराज का पतंजलि आगमन

मनुष्य जीवन पर नियंत्रण तथा स्थायित्व केवल योग से ही संभव : पूज्य जग्गी वासुदेव जी महाराज

|पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है : पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज

श्रद्धेय सद्गुरु विश्व में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता की अलख जगा रहे हैं : पूज्य आचार्य जी महाराज

हरिद्वार, 27 सितम्बर। योग, संस्कृति व हिन्दुत्व की पोषक व मानव सेवा में समर्पित संस्थान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी महाराज का आज पतंजलि आगमन हुआ। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने शॉल ओढ़ाकर सद्गुरु का भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में श्रद्धेय सद्गुरु ने कहा कि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के दिशानिर्देशन में पतंजलि निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा का महान् कार्य कर रहा है।
पूज्य सद्गुरु ने कहा कि हमें स्वयं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जागरूक रहने की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर जब हम अंधकार में रहते हैं तो ज्यादा सतर्क व सजग रहते हैं और एक-एक कदम सोच-समझकर रखते हैं किन्तु प्रकाश मिलते ही हम असावधान हो जाते हैं। हम प्रत्येक क्षण चेतन अवस्था में क्यों नहीं रहते, हमें 24 घण्टे चेतन रहना है क्योंकि हमें यह जीवन दोबारा नहीं मिलेगा। समय व्यर्थ न करें, अपनी सोच, भावनाओं व विचारों को सकारात्मक रखें। उन्होंने कहा कि मनुष्य में अपार बुद्धिमत्ता व जागरूकता है किन्तु मनुष्य का उस पर नियंत्रण नहीं है। यह नियंत्रण तथा स्थायित्व केवल योग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली यह नहीं सिखाती कि समस्या क्या है और इसका हल कैसे किया जा सकता है। जीवन बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप सोचने लगते हैं। योग जीवन को स्टेबल रखता है। योग आपके शरीर को शारीरिक व मानसिक स्तर पर ऊर्जावान रखता है। सभी को अपने जीवन में योग का समावेश करना चाहिए।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि श्रद्धेय सद्गुरु जी ने कॉन्शियस प्लेनेट नाम से एक बहुत बड़ा अभियान चलाया है। इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए श्रद्धेय सद्गुरु संसार के बड़े-बड़े विद्वानों और नागरिकों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सारी सृष्टि या इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के हम ट्रस्टी हैं, और एक ट्रस्टी होने के नाते इस अस्तित्व के प्रति, इस पर्यावरण, प्रकृति और इस सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है। मात्र कुछ पौधे लगाना, कुछ जल संरक्षण के लिए कार्य करना, मृदा संरक्षण करना, ये बिन्दू मात्र हैं। इस सारे अस्तित्व ने हमें बनाया है। इसके संरक्षण के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है और उसके लिए हम श्रद्धेय सद्गुरु द्वारा संचालित अभियान का पूरे पतंजलि योगपीठ परिवार की ओर से अभिनंदन करते हैं। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि श्रद्धेय सद्गुरु जीवन के विविध आयामों में- शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक अलग-अलग प्रकार से कॉन्शियसनेस सामाजिक, राजनैतिक व आध्यात्मिक दृष्टिकोण से क्रिएट कर रहे हैं। हम सब इसके हमसफर हैं, हमराही हैं।
इस अवसर पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि सद्गुरु जी की विशेषता है कि ये पूज्य स्वामी जी की भाँति अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ के स्वामी हैं। प्रकृति के प्रति इनका विशेष जुड़ाव रहा है। जिस उम्र में लोग सेवानिवृत्त होकर घर बैठ जाते हैं, उस उम्र में श्रद्धेय सद्गुरु विश्व में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता की अलख जगा रहे हैं। सद्गुरु ने इस कार्य के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा की है। युवा पीढ़ी श्रद्धेय सद्गुरु से काफी प्रभावित है और वे युवा वर्ग के आकर्षण का केन्द्र हैं। सद्गुरु का यह अभियान दुनिया को कुछ देकर जाने के लिए प्रति संकल्पित है। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय सद्गुरु के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को इस अभियान से सभी को जुड़ना चाहिए। पूज्य आचार्य जी ने पूज्य सद्गुरु जी द्वारा पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से संवाद के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में पूज्य आचार्य जी महाराज ने श्रद्धेय सद्गुरु को गंगा जल व गिलोय का पौधा भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जयदीप आर्य ने किया। इस उपलक्ष्य में पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने योग की विविध प्रस्तुतियों से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में श्री महावीर जी, साध्वी आचार्या देवप्रिया जी, बहन ऋतम्भरा जी, वित्त प्रमुख श्री ललित मोहन जी, बहन अंशुल जी, बहन पारूल जी, स्वामी परमार्थदेव जी, डॉ. जयदीप जी, भाई राकेश जी, श्री के.एन.एस. यादव जी, श्री विनय कटियार जी, श्री वि.सी. पाण्डेय जी, बहन साधना जी के साथ विश्वविद्यालय व आचार्यकुलम् के उपस्थित प्राध्यापकगण व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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