• September 17, 2024

भारत मंडपम प्रगति मैदान नई दिल्ली में पंचम धाम न्यास द्वारा आयोजित ’सांसद विजय तिलक उत्सव’ कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी विशेष रूप से आमंत्रित

 भारत मंडपम प्रगति मैदान नई दिल्ली में पंचम धाम न्यास द्वारा आयोजित ’सांसद विजय तिलक उत्सव’ कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी विशेष रूप से आमंत्रित
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कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड

ऋषिकेश/ नई दिल्ली * परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने भारत मंडपम प्रगति मैदान नई दिल्ली में पंचम धाम न्यास द्वारा आयोजित ’सांसद विजय तिलक उत्सव’ में सहभाग किया। 

सांसद विजय तिलक उत्सव कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ इन्द्रेश कुमार जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।

सांसद विजय तिलक उत्सव मंे भक्ति स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी अनुराधा पौड़वाल जी, भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी, गायिका कविता पौड़वाल जी और अनेक कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी।

इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा सांसदों का अभिनन्दन किया गया। स्वामी जी ने कवि मंच को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर सभी का अभिनन्दन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी और भक्ति स्वर कोकिला अनुराधा पौड़वाल जी ने भजनों के माध्यम से भारत ही नहीं पूरे विश्व के धूममचायी हैं। पुरानी स्मृतियों को याद करते हुये कहा कि हमने साथ साथ 18 दिनों में 17 देशों का ’भारत यात्रा’ के माध्यम से भ्रमण कर भारतीय संस्कृति की गंगा प्रवाहित की थी। 17 देशों की यह भारत यात्रा विशेष कर वहां पर रह रहे अप्रवासी भारतीय परिवार में संस्कृति व संस्कारों की गंगा प्रवाहित होती रहे इसलिये आयोजित की थी। वह भी एक अद्भुत आनंद था।

स्वामी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिन्दुत्व को पूरे विश्व को जानने की आवश्यकता है। हिन्दुत्व हमें निरंतरता से जोड़ता है और सनातन हमें शाश्वत से जोड़ता है। सनातन है तो समरसता है; सनातन है तो सद्भाव है; सनातन है तो सद्भाव है; सनातन है तो भविष्य है और सनातन है तो फ्यूचर है। हिन्दुत्व वह है जो सब को गले लगाता है, सब को साथ लेकर चलता है। हिन्दुत्व न तो डरता है और न ही डराता है। न तो हिन्दुत्व भयभीत होता है और न ही भयभीत करता है। हिन्दुत्व वह है तो सर्व मंगल की कामना करता है। हिन्दुत्व वह है जो प्रतिदिन प्रातःकाल व सांयकाल अपनी प्रार्थना में सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना करता है।

परमार्थ निकेतन में प्रतिदिन होने वाली विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में ’सबसे ऊँची प्रेम सगाई’ गीत जब गाया जाता है तो गंगा तटपर बैठने वाले ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर लाइव आरती देख रहे लोग भी झूम उठते हैं। ऐसे लोग कैसे हिसंक हो सकते हैं; प्रेममय संबंध जोड़ने वाले होते हैं हिसंक कभी नहीं हो सकते।

सनातन का यही कमाल है कि जो एक और एक दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह करता है। आज इस देश को आगे ले जाने के लिये, इस देश को आगे की दिशा देने के लिये हमारे सांसद उपस्थित है। अब इस देश को महाभारत की नहीं महान भारत की जरूरत है। महाभारत का समय गया अब तो भारत को महान भारत की ओर ले जाने का समय है। नफरत से किसी का नफा नहीं होता और मोहब्बत से किसी का नुकसान नहीं होता इसलिये आईये गर्व से कहें हम सब हिन्दू है। हम सब मिलकर कुछ नया चुने और कुछ नया बुने जो इस देश को एक नये रास्ते पर ले जाये और युवाओं को एक दिशा प्रदान करे।

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