आजादी को बनाए रखने के लिए* सांस्कृतिक चेतना बहुत आवश्यक : डॉ ओम जी* *उपाध्याय
(उत्तर प्रदेश)
आजादी को बनाए रखने के लिए* सांस्कृतिक चेतना बहुत आवश्यक : डॉ ओम जी* *उपाध्याय
राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव इंडिया@75 के पांच दिवसीय कार्यक्रम की श्रंखला में दूसरे दिन आजादी के सांस्कृतिक आयाम विषय पर आईसीएचआर नई दिल्ली के निदेशक डॉक्टर ओम जी उपाध्याय ने भारत की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं व गौरवशाली अतीत के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए लोगों में सांस्कृतिक चेतना बहुत आवश्यक है। आजादी का अर्थ केवल राजनीतिक सत्ता हासिल करना नहीं है बल्कि अपने सनातन धर्म का पालन करते हुए भारत के विकास में योगदान करना है । सनातन धर्म के 10 लक्षणों में से यदि कोई एक भी लक्षण अपना लेता है तो वह ईश्वर तुल्य हो जाता है। विवेकानंद ने भी कहा था मां भारती की सेवा और मां जगदंबा की सेवा में कोई अंतर नहीं है । जैसे-जैसे सनातन उठेगा , भारत भी उठेगा। भौतिकतावादी संस्कृति को दरकिनार अमरत्व की ओर बढ़े।
कार्यक्रम का शुभारंभ एनएसएस लक्ष्यगीत ” उठें समाज के लिए उठें उठें ” से हुआ । तत्पश्चात एनएसएस उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक श्रोती ने सभी आगंतुकों का स्वागत एवं वॉलिंटियर्स को आशीर्वाद प्रदान किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के समन्वयक बाला लखेंद्र ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से आजादी के लिए कुर्बान होने वाले शहीदों को याद करना और सभी में राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करना है।
मुख्य वक्ता का स्वागत एवं परिचय डॉ संध्या द्विवेदी ने किया।
मुख्य अतिथि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के माननीय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक रहे ; जिनका परिचय एवं स्वागत एनएसएस समन्वयक डॉ के. एन. मिश्रा ने किया। प्रोफेसर पाठक ने भारतीय सभ्यता व संस्कृति के वैज्ञानिक दृष्टिकोण व समाज सेवा पर बल दिया । उन्होंने कहा सेवा का कोई विकल्प नहीं है और यही राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श है ।
कार्यक्रम में राज्य स्तरीय वेशभूषा प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । कार्यक्रम संयोजक मंडल की सदस्या एकता चौहान ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों की एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों ने आजादी के नायकों, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद , रानी लक्ष्मीबाई , भगत सिंह , झलकारी बाई आदि की वेशभूषा पहनकर, उनके डायलॉग बोलते हुए एक मिनट की वीडियो बनाकर भेजी। लगभग 160 वीडियो प्राप्त हुई , जिनमें से 18 वीडियो चयनित कर कार्यक्रम में प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम के अंत में राज्य संपर्क अधिकारी डॉ अंशुमाली शर्मा ने सभी को अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य को भी याद रखने को कहा एवं सभी आगंतुकों , कार्यक्रम अधिकारियों, संयोजक मंडल एवं सभी वॉलिंटियर्स धन्यवाद दिया । संचालन डॉ संध्या शर्मा ने किया, तकनीकी सहयोग डॉ. प्रकाश चौधरी जी का रहा।यह जानकारी डा गीता रानी जनता वैदिक कालेज बडौत द्वारा दी गई ।