• December 22, 2024

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दिव्यांगों को सामान ही नहीं सम्मान भी दे ÷ स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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कमल अग्रवाल (हरिद्वार )उत्तराखंड

ऋषिकेश ÷ परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विदेश की धरती से आज विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर दृष्टिबाधितों व दिव्यांग जनों के प्रति जनसामान्य को जागरूक करते हुये उनके अधिकारों की रक्षा का संदेश दिया।

ज्ञात हो कि परमार्थ निकेतन द्वारा समय-समय पर दृष्टिबाधितों और दिव्यांगजनों के लिये शिविरों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से उनकी सहायता हेतु सहायक व कृत्रिम अंगों का वितरण किया जाता है।

परमार्थ निकेतन की यह एक अद्भुत पहल है जिसके माध्यम से दिव्यांगों और दृष्टिबाधितों को उनकी असीमित और वास्तविक क्षमताओं को निखारने के लिए संसाधन, सेवाएं, सहायता और सहयोग प्रदान करती है। जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगों को गरिमा और सम्मान के साथ सशक्त रूप से जीवन जीने के लिए उपयुक्त अवसरों और संसाधनों तक उनकी पहुंच बनाना ताकि कोई भी पीछे न रह जाए।

दिव्यांग मुक्त भारत परमार्थ निकेतन की अद्भुत पहल है जिसके अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर दिव्यागों को न केवल कृत्रिम अंग वितरित करना है बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने के लिये प्रोत्साहित व प्रेरित करना भी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा चुनौतीपूर्ण है परन्तु सभी के सहयोग से यह प्रेरणादायक यात्रा उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से शुरू की गयी है। साथ ही पूरे भारत में अनेक दिव्यांग शिविरों का आयोजन करने की योजना बनायी जा रही है।

वर्ष 2024 में इस पहल को उत्तराखंड राज्य में संचालित करने का संकल्प लिया गया है। उत्तराखंड के दूरदराज, पहाड़ी और वंचित क्षेत्रों में मोबाइल वैन ले जाकर अविकसित अंगों की माप लेना, कृत्रिम अंगों, कैलीपर्स, कृत्रिम हाथों और मोल्डेड शू को बनाने, कृत्रिम अंगों को फिट करना और वितरित करने के लिए रणनीतिक रूप से शिविरों की मेजबानी करने की योेजना बनायी जा रही हैं।

दिव्यांगों को कृत्रिम अंग निःशुल्क दिए जा रहे हैं। विगत दिनों दृष्टिबाधितों को एक विशेष प्रकार का स्मार्ट फोन जिसे वे छू कर उसका उपयोग कर सकते हैं, वितरित किये गये थे, इस योजना को विस्तार प्रदान करने की योजना भी बनायी जी रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते, जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई-न-कोई दृष्टि विकार है। विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों को उनके अधिकार प्रदान करने साथ जनसमुदाय को दृष्टि बाधितों के विषय में जागरूक करना तथा ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है।

ब्रेल लिपि उन लोगों के लिये वरदान है जो आँखों से देख नहीं सकते। ब्रेल लिपि नेत्रहीनों के पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। जिसे छूकर पढ़ा जा सकता है।

आईये अपने आस-पास जो भी दृष्टिबाधित है उनकी पहंुच बेल शिक्षा तक बनायें और उन्हें सशक्त करने हेतु योगदान प्रदान करें।

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