जीवन कौशल प्रशिक्षण के दूसरे चरण के समापन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने अपने संदेश मैं कहा कि को विड 19 के बाद बेरोजगारी एक बडी समस्या बन कर उभरी है
सुरेंद्र कुमार विरवानी (ऋषिकेश) उत्तराखंड
ऋषिकेशए 31 अगस्त। परमार्थ निकेतन में जीवन कौशल प्रशिक्षण के दूसरे चरण का समापन हुआ। ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दस दिवसीय आनॅलाइन प्रशिक्षण में गांव के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु व्यक्तिगत और समुदाय स्तर पर कार्ययोजना बनाकर कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
फैसिलिटेटर्स द्वारा प्रयासअपना पाठ्यक्रम ;मैनुअलद्ध द्वारा व्यक्तिगत और समुदाय स्तर पर स्वस्थ आदतों को विकसित करने के साथ ही सभी को स्वास्थ्य शपथ के लिये प्रेरित किया गया। विशेषज्ञों द्वारा सफलता की कहानियांए केस स्टडीजए फील्ड की कहानियाँ एवं अन्य इंपैक्ट टूल्स के माध्यम टीन क्लब स्टेटस शीट बनानाए संकेतक सीखनाए व्यक्तिगत कार्रवाईए सामाजिक, सामुदायिक कार्यवाही के माध्यम से गांव और समुदाय को स्वस्थ बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
जीवन कौशल प्रशिक्षण के दूसरे चरण के समापन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि कोविड.19 के बाद वर्तमान समय में बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इस समस्या के समाधान के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण को बढ़ावा देना होगा। साथ ही युवाओं को शिक्षा के साथ ही कौशल ;स्किलद्ध से भी जोड़ना बहुत जरूरी है। युवाओं को स्कूली स्तर पर ही व्यावसायिक शिक्षा के प्रति जागरूक करना होगा और विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी कार्य करना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को विकसित करने के साथ.साथ उन्हें अपने और समुदाय के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना नितांत आवश्यक है। जीवन कौशल पर आधारित इस नए पाठ्यक्रम के माध्यम से युवा वर्ग की कार्य कुशलता और सामूहिक दक्षता में सुधार करना आवश्यक है। साथ ही स्वस्थ आदतों को विकसित कर स्वस्थ समाज का निर्माण करता अत्यंत आवश्यक है।
फैसिलिटेटर स्वाति द्वारा गांव के स्वास्थ्य का सपना इस दस दिवसीय ऑनलाइन पाठ्यक्रम में व्यक्तिगत और समुदाय का स्वास्थ्यए अन्तर्वैयक्तिक कौशलए समय प्रबंधनए समस्या सुलझाने की क्षमताए निर्णयन क्षमता और नेतृत्व क्षमता आदि अनेक विषयों का प्रशिक्षण दिया ताकि युवा वर्ग दिन.प्रतिदिन की समस्याओं से बेहतर तरीके से निपटा सके।