• May 11, 2024

यज्ञ एवं योग मनुष्य जीवन के आवश्यक कर्तव्य के साथ मोक्ष प्राप्ति में सहायक ÷ देवेन्द्र हितकारी

 यज्ञ एवं योग मनुष्य जीवन के आवश्यक कर्तव्य के साथ मोक्ष प्राप्ति में सहायक ÷ देवेन्द्र हितकारी
Sharing Is Caring:

 

कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड

गाजियाबाद (06 मार्च 2023) ÷ अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान जानकी वाटिका कक्षा द्वारा नवसस्येष्टि यज्ञ एवं होली मंगल मिलन सन्त निवास, सीईएफ ब्लॉक,नेहरू नगर मे हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ।

डा भगवान देव आचार्य के ब्रह्मत्व में नवसस्येष्टि यज्ञ से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।उन्होंने यज्ञ एवं होली के महत्व पर विस्तृत चर्चा की।

होली मंगल मिलन के मुख्य अतिथि श्री देवेन्द्र हितकारी (सांसद प्रतिनिधि) का पीतवस्त्र ओढ़ाकर एवं माला द्वारा अभिनंदन किया गया।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यज्ञ से जितने अधिक प्राणियों को शुद्ध प्राणवायु व वर्षा जल की शुद्धि से ओषिधियों की शुद्धि व उनके प्रभाव में वृद्धि होती है, उससे उस यज्ञानुष्ठान करने वाले योगी व उपासक की कर्म-पूंजी इतर सभी योगाभ्यासियों से अधिक होने के कारण उसे शीघ्र योग के लाभों की प्राप्ति का होना निश्चित होता है।यज्ञ व अग्निहोत्र करना ईश्वर की आज्ञा भी है।यज्ञ योग, उपासना व ईश्वर की प्राप्ति में अत्यन्त सहायक एवं उपयोगी कर्म वा साधन हैं।दोनों परस्पर पूरक हैं और जीवन के अत्यावश्यक कर्म वा कर्तव्य हैं।इन्हें करने से ही मनुष्य का जीवन सार्थक व सफल होता है।

संस्थान के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण कुमार गुप्ता ने होली पर सुनाई कविता एवं चुट्कलो से सबको भाव विभोर कर दिया।

वशिष्ठ अतिथि श्री सुभाष शर्मा (वरिष्ठ भाजपा नेता) ने सुन्दर कार्यक्रम को देख प्रसन्नता व्यक्त की ओर आयोजकों का आभार व्यक्त किया।

वशिष्ठ अतिथि श्री मंगल सिंह चौधरी (समाज सेवी) ने कहा कि यदि हम जल,वायु और आहार (ऑर्गेनिक) को सही मात्रा में लें तथा नियमित दीर्घश्वसन प्राणायाम,योगाभ्यास करके स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

योग शिक्षिका सुमन बंसल, मीनाक्षी अग्रवाल,विभा भारद्वाज, जोली शर्मा,वीना वोहरा आदि के प्रेरणादाई होली के गीतों पर सुन्दर नृत्य होली मिलन कार्यक्रम में आकर्षण का केन्द्र रहे।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राम प्रकाश गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत शिक्षा के अभाव में हमें वास्तविक तथ्यों का ज्ञान नहीं हो पाया।होली का यथार्थ तिनको की अग्नि में भूने हुए अधपके फली युक्त फसल को होलक (होला) कहते हैं।अर्थात् जिन पर छिलका होता है जैसे हरे चने आदि।ऋतु के अनुसार,दो मुख्य प्रकार की फसलें होती हैं।1) खरीफ,2) रवि। रवि की फसल में आने वाले सभी प्रकार के अन्न को होला कहते है। “वासन्तीय नवसस्येष्टि होलकोत्सव” वसन्त ऋतु में आई हुई रवि की नवागत फसल को होम हवन मे डालकर फिर श्रद्धापूर्वक ग्रहण करने का नाम होली है।यह पर्व प्राकृतिक है ऐतिहासिक नही है और बाद में होला से ही होली बना है। प्रहलाद-होलिका वाला दृष्टान्त आलंकारिक है।होली मनाने का सही विधान,वसन्त ऋतु के नये अन्न को यज्ञ (हवन) में आहुति देकर ग्रहण करना है।क्योंकि भारतीय संस्कृति दान देकर,बाँट कर खाने में विश्वास करती है।

वरिष्ठ योग शिक्षिका वीना वोहरा ने होलिकोत्सव की सभी को हार्दिक बधाई देने के साथ उपस्थित सभी साधक साधिकाओं का आभार व्यक्त किया।उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का आनन्द लोगों ने ऑनलाइन जुड़कर भी लिया।

मंच का कुशल संचालन केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने किया।उन्होंने बताया कि होली मिलन का पर्व है इस दिन सब लोग एक दूसरे पर रंग व गुलाल डाल कर खुशी मनाते हैं,एक दूसरे के गले मिलते हैं,मिल बैठकर खाते हैं,इससे सब का आपसी मनोमालिन्य धुल जाता है।सब वैमन्स्य दूर हो जाता है।इसलिए इस को मिलन का त्यौहार कहा जाता है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री नेतराम गौतम,डीके अरोड़ा, डा प्रमोद सक्सेना, अभिषेक वोहरा, दर्शना मेहता, वीना गुप्ता, आशा आर्या, शालिनी गौड़, उमा शर्मा, सीमा अग्रवाल, ऋतु गुप्ता आदि उपस्थित रहे।शांतिपाठ के साथ,प्रसाद ग्रहण कर साधक आपस में बधाइयाँ देते हुए घरों को लोटे।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *