माँ गंगा का पूजन, गंगा आरती और शान्ति हवन में किया सहभाग
कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड
*दैनिक जागरण परिवार के सदस्य पधारे परमार्थ निकेतन*
माँ गंगा का पूजन, गंगा आरती और शान्ति हवन में किया सहभाग
*ऋषिकेश, 24 अक्टूबर।* परमार्थ निकेतन में दैनिक जागरण परिवार के सदस्य पधारे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में माँ गंगा का पूजन, गंगा आरती और विश्व शान्ति हवन में सहभाग किया। दैनिक जागरण परिवार के सदस्य स्व श्री योगेन्द्र मोहन जी के गोलोक गमन पर शान्ति पूजन हेतु परमार्थ निकेतन आये हैं।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मेरे प्रिय, अभिन्न और आदरणीय श्री योगेन्द्र मोहन जी भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैै, प्रभु उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें। स्वर्गीय श्री नरेन्द्र मोहन जी के बाद, श्री योगेन्द्र मोहन जी ने जिस तरह परिवार और व्यापार को सम्भाला वह अपने आप में अनुपम है। एक ऐसा व्यक्तित्व जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा हेतु समर्पित किया। वे दैनिक जागरण परिवार की एक सुदृढ़ और संबल नींव थे। उनके जाने से न केवल जागरण परिवार बल्कि यह पूरे भारत के लिये अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री योगेन्द्र मोहन जी की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कदम ऐसा चलो कि, निशान बन जाये काम ऐसा करो कि, पहचान बन जाये यहाँ जिन्दगी तो सभी, जी लेते हैं मगर जिन्दगी जीओ तो ऐसी कि सबके लिये यू मिसाल बन जाये। ऐसी जिन्दगी जी है हमारे प्रिय अभिन्न श्री योगेन्द्र मोहन जी ने उन्हें आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेगी। स्व श्री योगेन्द्र मोहन जी जब तक जिये, दिल से जिये और दूसरों को भी जीने का एक अन्दाज दे गये। उनका जीवन सात्विकता, सरलता और सहजता से युक्त था। शेयर मोर एंड गिव मोर उनके जीवन का मूल मंत्र था। उन्होंने परिवार को लर्न, अर्न एंड रिटर्न का जो सिद्धान्त दिया वही तो भारत की संस्कृति है। प्रभु उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।
दैनिक जागरण परिवार से श्री धीरेन्द्र मोहन गुप्ता जी, सुनील गुप्ता जी, श्रीमती रितु गुप्ता, समीर गुप्ता, श्रीमती भावना गुप्ता, श्री तरुण गुप्ता, श्री राहुल गुप्ता, श्रीमती आरती गुप्ता, श्री राघव गुप्ता और परिवार के अन्य सदस्यों नेेे श्री योगेन्द्र मोहन जी की आत्मा की शान्ति के लिये शान्ति पूजन किया तथा विशाल भण्डारा का आयोजन किया।