50 वर्ष पूर्व डा.पदम प्रसाद सुबेदी ने की थी वनभोज कार्यक्रम की शुरूआत
कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड
हरिद्वार * गोर्खाली महिला कल्याण समिति द्वारा बैरागी कैम्प में गंगा किनारे वनभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं और बच्चों ने नेपाली गीत संगीत और नेपाली संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में हरिद्वार के अलावा रूड़की, लकसर, देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार आदि से भी बड़ी संख्या में नेपाली मूल के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान नेपाली व्यंजन परोसे गए। जिनका सभी ने आनन्द लिया।
हरिद्वार में बनभोज की शुरुआत डा.पदम प्रसाद सुबेदी ने बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर के जंगल से 50 वर्ष पूर्व की थी। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथी चारु सहगल व वर्षा बिष्ट ने दीप प्रज्वलित कर किया। चारु सहगल एवं वर्षा बिष्ट ने कहा कि नेपाल और भारत की संस्कृति एक सामान है। दोनों देशों में रोटी बेटी का रिश्ता होने के साथ भाई जैसा नाता भी है।
गोर्खाली महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष पदमा पांडेय व शारदा सुबेदी ने कहा कि बनभोज में महिलाओ और बच्चों ने उत्साह से भाग लिया और कार्यक्रम के माध्यम से नेपाली संस्कृति को दर्शाने के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश भी दिया गया।
रेखा शर्मा व तनुजा पांडेय ने कहा कि बनभोज की शुरुआत सैकड़ो वर्ष पूर्व हुई थी। सर्दी के मौसम में महिलाएं अपने-अपने घर से सामान लाकर घने जंगल मे जाकर खाना बनाती थी। इस दौरान महिलाएं और बच्चे पारंपारिक नेपाली वेशभूषा पहनकर नृत्य करते थे और वनभोज का आनन्द उठाते थे।
उन्होंने कहा कि नेपाली संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए प्रतिवर्ष वनभोजन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास और शिवम महंत भी मौजूद रहे सभी को आशीर्वाद दिया।
इस दौरान गोर्खाली महिला कल्याण समिति की संरक्षक कमला सुबेदी वंदना सुबेदी शारदा सुबेदी रेखा शर्मा तनुजा पाण्डेय रमा पाण्डेय सपना खड़का अम्बिका उपाध्याय गंगा उपाध्याय पदम प्रसाद सुबेदी महंत दिनेश दास लोकनाथ सुबेदी रामप्रसाद शर्मा सुशील पाण्डेय कमल खड़का उदिम बहादुर खड़का सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।