श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े में भक्त जनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए श्रीमहंत रघुवीर दास जी महाराज ने कहा इस संसार में संतोष और शांति जिस मनुष्य के चित् में धारण नहीं उसका जीवन पूरी तरह अव्यवस्थित होता है
ठाकुर मनोज कुमार/ कमल अग्रवाल
हरिद्वार * श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े में भक्त जनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए श्रीमहंत रघुवीर दास जी महाराज ने कहा इस संसार में संतोष और शांति जिस मनुष्य के चित् में धारण नहीं उसका जीवन पूरी तरह अव्यवस्थित होता है और संतोष और आत्मिक शांति मनुष्य को हरि भजन से ही प्राप्त हो सकती है जो भी भक्त सच्चे मन से भले ही कुछ पल के लिए ही सही भगवान राम की आराधना करता है वह जीवन की सभी विसंगतियों से दूर रहता है क्योंकि हरि भजन से राम भजन से सत्संग से उससे प्राप्त होने वाले आत्मिक ज्ञान के साथ-साथ आत्मिक शांति की भी प्राप्ति होती है बुद्धि का भी विकास होता है उसके मन मस्तिष्क में ज्ञान का भी उदय होता है और हरि की कृपा से उसका लोक और परलोक भी सुधरता है इसलिए जीवन में सत्संग और भजन का होना नितांत आवश्यक यह कुछ पल का सत्संग हमें आत्मिक शांति प्रदान करने के साथ-साथ आत्मज्ञान का भी बोध कराता है जिस प्रकार माता शबरी ने एकांत चित होकर भगवान राम का भजन किया भगवान राम को हर पल याद किया भगवान राम को उनके भजन के तपोबल से एक दिन उन्हें खुद दर्शन देने के लिए आना पड़ा इसलिए जीवन में माता शबरी जैसा सब्र धारण करो जीवन में कुछ समय एकांत चित् रहो आपको एक अलौकिक आनन्द का अनुभव होगा