• November 21, 2024

श्रीमान एक्सप्रेस

सत्य की अमिट आवाज

साहेब धाम आश्रम में परम पूज्य सरूप दास जी महाराज की पावन कृपा में विशाल संत समागम हुआ आयोजित

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ठाकुर मनोज कुमार/ कमल अग्रवाल 

जनपद हरिद्वार * खड़खड़ी हिल बाईपास स्थित साहेब धाम आश्रम में परम पूज्य गुरुदेव संत परम पूज्य सरूप दास जी महाराज की पावन कृपा अनुसार आश्रम में एक विशाल संत समागम आश्रम के वर्तमान परमाध्यक्ष श्री महंत इन्द्रर दास जी महाराज की पावन अध्यक्षता में संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच संपन्न हुआ

इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत राम मुनि महाराज ने कहा सतगुरु के पावन वचन मनुष्य के जीवन का उद्धार कर देते हैं महामंडलेश्वर चिद्धविलासानंद महाराज ने कहा धर्म कर्म और गुरु की संगत मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने की राह दिखा देते हैं महंत रवि देव महाराज ने कहा सतगुरु भक्तों को धर्म कर्म के माध्यम से उंगली पड़कर भवसागर पार करा देतेहै स्वामी महंत इंद्रर दास महाराज ने कहा गुरु मिलाते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भवसागर की नैया के गुरु ही तारण हार इस पृथ्वी लोक पर गुरुजन मनुष्य के सच्चे सच्चे पथदर्शक होते हैं जो धर्म कर्म और ज्ञान के माध्यम से भक्तों का जीवन धन्य कर देते हैं उसे सत्य की राह दिखा देते

इस अवसर पर बोलते हुए संत रविंद्र दास महाराज ने कहा गुरु ज्ञान का वह सागर होते हैं जिसका कोई अंत नहीं गुरु अपने सत्य वचनों से मानव जीवन का उद्धार कर देते हैं गुरु के बिना ज्ञान नहीं गुरु के बिना गति नहीं और गुरु के बिना कल्याण नहीं सतगुरु सत्य की वह नैया है जो भक्त उनके ज्ञान रूपी नैया में सवार होता है वह संपूर्ण सुखों से तर्पित होकर भवसागर पार हो जाता है भक्त और भक्ति तो सभी करते हैं अगर रखना है तो धैर्य रखो सब्रवान बनो तथा माता शबरी जैसा सब्र रखो की एक दिन भगवान खुद तुम्हारे दरवाजे दर्शन देने आयेंगे अगर जरूरत है तो मन में धैर्य और सब्र की सतगुरु देव गुरु नानक एक बार प्रवास करते हुए किसी ग्रामीण क्षेत्र में डेरे पर पहुंचे वहां रहने वाले लोगों ने उनकी भरपूर सेवा की सुबह जाते हुए गुरु नानक देव ने उन्हें आशीर्वाद के रूप में कहा बसते रहो उजड़ते रहो और आगे चले आगे फिर किसी के यहां रुके उसने उन्हें रात्रि में ना भोजन कराया ना पानी पिलाया ना कोई सत्कार किया तो गुरु नानक देव ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया की बसें रहो साथ चल रहे भक्त के मन में सवाल जवाब के हिलोरे उठने लगे और उसने सतगुरु देव से पूछा की है गुरुदेव जिसने आपकी सच्चे मन से सेवा की उसे तो आपने बसने और उजाड़ने का आशीर्वाद दिया और जिसे कुछ नहीं किया उसे बसे रहने का आशीर्वाद दिया यह क्या है इसमें क्या रहस्य है तब गुरु नानक देव जी महाराज ने बताया की जिसने सेवा की मैंने इसलिये उजडते रहने और बसे रहने का आशीर्वाद दिया कि वह जहां भी जायेगा वहां लोगों की सेवा करेगा

इसी तरह लंगर चलाएगा राहगीरों की सेवा करेगा और इसे इसलिए इसी स्थान पर बसे रहने का आशीर्वाद दिया कि यह यही बसा रहे क्योंकि अगर यह कहीं और भी जायेगा तो वहां भी यही करेगा किसी की सेवा नहीं करेगा इसलिए यह यही बसा रहे तो उत्तम है और वह जिसने सेवा की फलता फूलता रहे उसकी शाखाये उसके परिवारजन जगह-जगह बस जाये ताकि राहगीरों की जरूर बंदों की सेवा करें

इस अवसर पर महंत राम मुनि महाराज स्वामी रविंद्र दास महाराज महंत प्रेमानंद महाराज पंजाबी बाबा महंत राम योगी महंत सुधा योगी महाराज महंत कैलाशानन्द महाराज महंत सूरज दास महंत कन्हैया दास महाराज महंत सीताराम दास महाराज महंत रवि देव महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत ज्ञान दास महाराज रामदास महाराज स्वामी ऋषि राम महाराज स्वामी अमृत दास महाराज महंत सचिव गोविंद दास महाराज श्री स्वामी महंत अमरीक दास महाराज शुक्र गिरी महाराज श्याम गिरी महाराज कोतवाल निर्वाण कमल दास महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष भक्त उपस्थित थे

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