ट्रम्प की जीत का विश्व पर प्रभाव /(डॉ.) अरविन्द कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट
कमल अग्रवाल (हरिद्वार )उत्तराखंड
अमेरिका में 4 साल के अंतराल के बाद रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। ट्रम्प 2016 में पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। इसके बाद अगले चुनाव 2020 में उनको डेमोक्रेटिक के जो बाइडेन से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अब 2024 में उन्होंने चार साल पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपनी हार का बदला ले लिया। ट्रंप ने कमला हैरिस को पछाड़ते हुए राष्ट्रपति का पद अपने नाम कर लिया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने 4 साल के अंतराल पर दोबारा जीत हासिल की है।
डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का विश्व पर कई तरह से प्रभाव पड़ेगा। सबसे पहले, इज़राइल-हमास संघर्ष में अमेरिकी नीतियों में बदलाव आ सकता है। ट्रम्प ने हमास की अक्टूबर 2023 की इज़राइल पर हमले की निंदा की थी और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यों का समर्थन किया था। इससे इज़राइल को अपनी सैन्य कार्रवाई तेज करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध में भी अमेरिकी नीतियों में बदलाव आ सकता है। ट्रम्प ने कहा है कि वह इस युद्ध को एक दिन में समाप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यूक्रेन को कुछ क्षेत्रों को छोड़ना होगा। इससे यूक्रेन की स्थिति कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, ट्रम्प की जीत से अमेरिकी बिशप्स के एजेंडे पर भी प्रभाव पड़ेगा, ट्रम्प की नीतियों का अमेरिकी कैथोलिक समुदाय पर प्रभाव पड़ेगा, खासकर गर्भपात और आप्रवासन जैसे मुद्दों पर।
इसके आलावा डोनाल्ड ट्रंप की जीत, दुनिया पर कई तरह से प्रभाव डाल सकती है। उनकी नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय संबंध, और पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: ट्रंप की आर्थिक नीतियों से वैश्विक व्यापार और आर्थिक संबंधों में बदलाव आ सकता है।
उनकी टैरिफ नीतियों से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव: ट्रंप की विदेश नीतियों से अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बदलाव आ सकता है।
उनकी नीतियों से वैश्विक सुरक्षा और शांति पर प्रभाव पड़ सकता है।
पर्यावरण पर प्रभाव: ट्रंप की पर्यावरण नीतियों से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर प्रभाव पड़ सकता है।
उनकी नीतियों से वैश्विक पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में बदलाव आ सकता है। इन प्रभावों के अलावा, ट्रंप की जीत दुनिया भर में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों को भी प्रभावित कर सकती है।
वैश्विक व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव : ट्रंप की दूसरी प्रेसिडेंसी में वैश्विक व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर यूक्रेन, चीन इज़राइल, फिलिस्तीन, और ईरान,में।
इज़राइल पर प्रभाव कई पहलुओं पर आधारित है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: इजराइल के प्रधानमत्री बिन्यामिन नेतन्याहू पहले थे जिन्होंने ट्रम्प को जीत कि बधाई डी थी, और वह पहले भी ट्रम्प को लेकर कह चुके है कि व्हाइट हाउस में ट्रम्प इजराइल के सबसे अच्छे दोस्त साबित हुए हैं दरअसल, ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु संधि को रद्द कर दिया था, इस संधि का इसराइल ने विरोध किया था, तथा ट्रम्प ने ट्रम्प ने युरुशलम को इजराइल कि राजधानी घोषित करके दशकों से चली आ रही अमेरिकी निति को पलट दिया था ट्रम्प ने ऐसा करके इजराइल का समर्थन हासिल किया था, डोनाल्ड ट्रंप की जीत इज़राइल पर कई तरह के प्रभाव डाल सकती है, खासकर मध्य पूर्व में उनकी नीतियों के कारण। उनकी जीत से अमेरिका की इज़राइल के प्रति समर्थन में वृद्धि हो सकती है, जिससे फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष में तनाव बढ़ सकता है।
इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष: यह संघर्ष इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच क्षेत्रीय विवाद को लेकर है, जो कई दशकों से जारी है, इस संघर्ष का इज़राइल की अर्थव्यवस्था, राजनीति और सामाजिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। ट्रंप की नीतियों से इस संघर्ष में तनाव बढ़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय संबंध: इज़राइल के अंतरराष्ट्रीय संबंध, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ, उसकी आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करते हैं । ट्रंप की जीत से अमेरिका की इज़राइल के प्रति समर्थन में वृद्धि हो सकती है।
आर्थिक विकास: इज़राइल की आर्थिक विकास दर और उसके विदेशी निवेश पर भी कई कारकों का प्रभाव पड़ता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कारक है उसकी स्थिरता और सुरक्षा की स्थिति।
सामाजिक स्थिति: इज़राइल की सामाजिक स्थिति भी कई पहलुओं पर आधारित है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण पहलू है उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति।
मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन: ट्रंप की नीतियों से रूस और चीन को मध्य पूर्व में अपनी पहुंच बढ़ाने का मौका मिल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत ईरान पर कई तरह के प्रभाव डाल सकती है। ईरान के नेतृत्व और उसके सहयोगी ट्रंप की वापसी से डर रहे हैं, क्योंकि इससे इस्राइल की हमलों की संभावना बढ़ सकती है और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, ट्रंप की दूसरी प्रेसिडेंसी में ईरान पर टैरिफ लगाने और पुतिन के साथ समझौता करने की संभावना है, जिससे वैश्विक व्यवस्था पर नकारात्मक शक्ति संतुलन बदल सकता है। ट्रंप की वापसी से इस्राइल को ईरान पर हमला करने की अनुमति मिल सकती है।
चीन पर प्रभाव : चीन ट्रम्प की वापसी को लेकर खुद को तैयार कर रहा है, चीन को ट्रूम के राष्ट्रपति बनने के बाद डर सता रहा है कि ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना नए व्यापर युद्ध को आरम्भ कर देगी। पिछली बार राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प ने 300 अरब डॉलर से ज्यादा चीनी आयत पर टैरिफ लगाया था, इस बार उन्होंने कहा है कि ये टैरिफ 60 प्रतिशत से ज्यादा हो सकता है। चीन वर्तमान में मंदी से दौर से गुजर रहा है ऐसे में इससे उसकी समस्या बढ़ सकती है।
भारत पर प्रभाव: अमेरिकी चुनावों में ट्रंप को विजेता घोषित किए जाने के तुरंत बाद नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और ‘दोस्त’ कहा. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रंप के साथ अपनी पुरानी हंसती-मुस्कराती, गले लगाती तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मेरे दोस्त डॉनल्ड ट्रंप, आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई. जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका के व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने को तत्पर हूं. आइए हम सब मिलकर अपने लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें। डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत पर कई तरह के प्रभाव डाल सकती है, खासकर आर्थिक और व्यापारिक मोर्चे पर। उनकी नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है, जैसे कि व्यापार समझौतों में बदलाव, निर्यात पर प्रभाव, और विदेशी निवेश में बदलाव।
आर्थिक प्रभाव: व्यापार समझौतों में बदलाव: ट्रंप की नीतियों से भारत-अमेरिका व्यापार समझौतों में बदलाव आ सकता है, जिससे भारतीय निर्यात पर प्रभाव पड़ सकता है।
निर्यात पर प्रभाव: ट्रंप की नीतियों से निर्यात पर टैरिफ लगाया जा सकता है, जिससे भारतीय निर्यात पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर आईटी सेवाओं और फार्मास्यूटिकल्स पर।
विदेशी निवेश में बदलाव: ट्रंप की नीतियों से विदेशी निवेश में बदलाव आ सकता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
व्यापारिक प्रभाव:
व्यापार युद्ध की संभावना: ट्रंप की नीतियों से व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ सकती है, जिससे भारतीय व्यापार पर असर पड़ सकता है।
वैसे, वामपंथी ‘इकोसिस्टम’ के लिए, ट्रम्प की विजय एक चुनौती हो सकती है। उनकी राष्ट्रवादी नीति उस वामपंथी एजेंडे के विपरीत है, जिसमें अराजकता में परिवर्तित होने वाली ‘उदारता’ और जनसंख्या के संतुलन के जरिए लोकतंत्र को प्रभावित करने वाली घुसपैठ और खुली सीमाओं का समर्थन अधिक होता है। ट्रम्प का ‘अमेरिका फर्स्ट’ दृष्टिकोण उन देशों पर ध्यान केंद्रित करता है, जो उनके प्रमुख सहयोगी हैं, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
अंतत: ट्रम्प की विजय से भारत और हिंदू समुदाय को वैश्विक स्तर पर तार्किक सहयोग मिल सकता है। ट्रम्प की राष्ट्रवादी और कट्टरपंथ-विरोधी नीतियां वामपंथी ‘इकोसिस्टम’ के लिए चुनौती भरी हो सकती हैं, लेकिन भारत के लिए एक नई दिशा खोल सकती हैं। हालांकि यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका की प्राथमिकता अमेरिका है, किंतु जानकार मानते हैं कि ट्रम्प के नेतृत्व में उनकी नीतियों से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे, यह समय है जब विश्व के सबसे पुराने तथा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की जुगलबंदी विश्व इतिहास में नया अध्याय लिख सकती है।