निरंजनी अखाड़े में धूमधाम से मनायी गयी भगवान कार्तिकेय जयंती
ठाकुर मनोज कुमार/ कमल अग्रवाल
हरिद्वार * तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आराध्य एवं इष्ट देव भगवान कार्तिकेय की जयंती सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रद्धा, उल्लास व धूमधाम के साथ मनायी गयी संतों व श्रद्धालुओं ने भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना कर लोक कल्याण की कामना की
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि अखाड़े के आराध्य परम ज्ञानी और परम साधक भगवान कार्तिकेय भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय की आराधना से सुख समृद्धि, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने अपने संदेश में सभी को कार्तिकेय जयंती की शुभकामनाएं दी और धर्मानुकुल आचरण करते हुए सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कार्तिकेय जंयती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की और धर्म रक्षा के लिए शास्त्र और शस्त्र दोनों को अपनाने का आहवान किया। स्थापना के बाद से ही धर्म रक्षा के लिए अखाड़े इस दायित्व को निभा रहे हैं।
वाघम्बरी गद्दी प्रयागराज के महंत बलवीर गिरी ने कहा कि धर्म रक्षा में अखाड़ों का हमेशा ही अहम योगदान रहा है। जब-जब राष्ट्र और धर्म पर संकट आया, अखाड़ों ने आगे बढ़कर अपने दायित्व को निभाते हुए राष्ट्र और धर्म की रक्षा की। महंत केशवपुरी महंत नरेश गिरी महंत दिनेश गिरी एवं महंत गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के साथ अखाड़े विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग की सेवा में भी सहयोग कर रहे हैं।
श्रीमहंत रामरतन गिरी महंत दिनेश गिरी उपमहंत उमेश भारती स्वामी राजगिरी उपमहंत सुखदेव पुरी उपमहंत राकेश गिरी डा.सुनील बत्रा अनिल शर्मा ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महंत बलवीर गिरी स्वामी ललितानंद गिरी स्वामी हरिचेतनानंद स्वामी रविदेव शास्त्री महंत गौरीशंकर दास स्वामी रविपुरी महंत आलोक गिरी स्वामी आशुतोष पुरी स्वामी निर्मल दास सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।