• October 18, 2024

भगवान की कृपा और सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त होने से भक्तों का मंगल होता है श्री महंत * श्यामसुंदर दास महाराज

 भगवान की कृपा और सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त होने से भक्तों का मंगल होता है श्री महंत  * श्यामसुंदर दास महाराज
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ठाकुर मनोज कुमार/ कमल अग्रवाल

जनपद हरिद्वार * श्री श्याम वैकुंठ धाम श्यामपुर में भक्तों की भारी मांग के चलते श्री बालाजी का दरबार परम पूज्य गुरुदेव श्री महंत श्याम सुंदर दास महाराज के पावन सानिध्य में लगाया गया सभी भक्तों ने संतो के आशीर्वचन के साथ-साथ भजन कीर्तन का आनन्द लिया साथ ही बालाजी के दरबार में अपने दुख दर्द कष्ट हरने हेतु अर्जी लगाई तथा परम पूज्य गुरुदेव श्री महंत श्याम सुंदर दास महाराज के कर कमल से बालाजी के सत श्री चरणों की विभूति प्राप्त की इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्री महंत परम पूज्य 1008 श्यामसुंदर दास महाराज ने कहा जिस पर भगवान की कृपा हो और सतगुरु का आशीर्वाद उसे प्राप्त हो उसका सदैव मंगल होता है दुख दर्द कष्ट जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं अगर सुख आया है तो दुख भी आयेगा किंतु जिस पर भगवान बालाजी महाराज की कृपा हो और अपने सतगुरु के आशीर्वाद की छत्रछाया उसके सर पर हो तो उसे दुख ज्यादा सता नहीं सकता मामूली सा छूकर निकल जाता है क्योंकि अगर आज जीवन में खुशहाली है सुख शांति समृद्धि है तो हमें एक दिन दुख का भी वर्णन करना पड़ता है क्योंकि सदा एक से दिन नहीं रहते आज धूप है तो कल छाया भी होगी यानी सुख-दुख आने जाने है कलयुग में कदम कदम पर धर्म कर्म होगा भजन कीर्तन होगा सतयुग से ज्यादा ईश्वर का नाम लिया जाएगा कदम कदम पर सत्य औरअसत्य के डेरे लगेंगे जो भगवान नारायण श्री बालाजी महाराज की आराधना करेगा वह कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहेगा सतयुग में मनुष्य को कठोर तपस्या के बाद ईश्वर की प्राप्ति होती थी किंतु कलयुग में कुछ समय किये गये साधारण भजन कीर्तन से भी भक्तों को ईश्वर की कृपा की प्राप्ति होगी

जो भी भक्त सच्चे मन से कलयुग में भगवान श्री हरि भगवान श्री बालाजी महाराज भगवान श्री शनिदेव महाराज की आराधना करेगा उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि और धन-धान्य की वर्षा होगी दुख कष्ट भय मुक्त सुख मय जीवन की प्राप्ति होगी कदम कदम पर गुरुजनों के रूप में उसे ईश्वर रूपी कृपा प्राप्त होगी

इस पृथ्वी लोक पर गुरु ही ईश्वर के प्रतिनिधि हैं गुरु चरणों से होकर जाने वाला मार्ग ही भगवान श्री हरि के चरणों तक पहुंचता है जिस प्रकार राम-राम रटने महर्षि से महर्षि वाल्मीकि एक त्रिकालदर्शी संत बने माता अहिल्या को भगवान श्री राम की एक ठोकर से पत्थर की शीला सेश्राप मुक्त होकर स्वर्ग में स्थान प्राप्त हुआ राम नाम का जाप करने से माता शबरी की कुटिया में भगवान श्री राम को दर्शन देने खुद आना पड़ा अगर आपकी आस्था सच्ची है तो आपको आपकी ईश्वर भक्ति का एक दिन फल अवश्य प्राप्त होगा बालाजी दरबार में भारी संख्या में दुख दर्द वह तरह-तरह की समस्याओं से पीड़ित भक्तों ने भाग लिया तथा बालाजी के श्री चरणों से मिलने वाली निशुल्क विभूति प्राप्त कर अपने जीवन को गौरवान्वित किया

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