• October 19, 2024

परमार्थ निकेतन में स्वच्छता पखवाड़ा को समर्पित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन

 परमार्थ निकेतन में स्वच्छता पखवाड़ा को समर्पित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन
Sharing Is Caring:

 

कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड

ऋषिकेश * परमार्थ निकेतन में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन आज स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में हुआ। इस अवसर पर स्वामी जी ने प्लास्टिक मुक्त, ग्रीन, क्लीन और सरीन जीवनशैली और कथाओं के आयोजन हेतु प्रेरित किया। इस कथा का उद्देश्य न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के महत्व को भी उजागर करना है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण से न केवल पर्यावरण बल्कि मानव जीवन भी प्रभावित हो रहा है। हमें विशेषकर कथाओं व भंडारों के दौरान प्लास्टिक का उपयोग कम करके, स्वच्छता को बढ़ावा देकर एक स्वस्थ और हरित भविष्य की ओर बढ़ना होगा क्योंकि प्लास्टिक का उपयोग हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। प्लास्टिक के कचरे से न केवल भूमि और जल प्रदूषित हो रहा हैं, बल्कि यह वन्यजीवों के लिए भी अत्यंत खतरनाक है। स्वामी जी ने कहा कि हमें प्लास्टिक के विकल्पों का उपयोग करना होगा, जैसे कि कपड़े के थैले, कांच की बोतलें, और धातु के बर्तन आदि।

स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता केवल बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए। स्वच्छता का अर्थ केवल हमारे आसपास की सफाई नहीं है, बल्कि हमारे विचारों और कर्मों की शुद्धता से भी है।

स्वामी जी ने ग्रीन और क्लीन जीवनशैली अपनाने का संदेश देते हुये कहा कि हमें अपने आसपास अधिक से अधिक हरियाली के लिये पौधों के रोपण व संरक्षण पर अधिक से अधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कथाओं की याद में भंडारे तो हों परन्तु पौधों के भी भंडारे हो; पौधे भी वितरित हो। हम धार्मिक स्थानों पर विशेष तिथियों पर जाकर जगह -जगह स्टाल लगाकर भोजन वितरित करते हैं अब तो समय आ गया है कि हम स्टाल लगाकर पौधों का वितरण करें और पौधों के संरक्षण के लिये जनसमुदाय को प्रेरित करें क्योंकि एक शांतिपूर्ण और संतुलित जीवन जीना है तो अब यह जरूरी हो गया है।

कथा व्यास श्री पं अशोकाचार्य जी ने कहा कि भागवत कथा हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है और हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने की शिक्षा भी प्रदान करती है।

कथा के दौरान विभिन्न स्थानों से आये साधकों और सभी ने मिलकर स्वच्छता अभियान में सहभाग लिया। स्वामी जी ने सभी को प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाने का संकल्प कराया।

कथा आयोजक श्री जनसेवार्थ चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर से आये पदाधिकारियों ने कहा कि परमार्थ निकेतन में आयोजित कथायें व कार्यक्रम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं होते बल्कि पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व व आशीर्वाद से यह एक सामाजिक और पर्यावरणीय आंदोलन का स्वरूप ले लेते हैं जिससे ज्ञान के साथ जीवन जीने की शिक्षा भी प्राप्त होती है।

पूज्य स्वामी ने हमें न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के महत्व को भी उजागर किया। हम कथा की याद में अपने घर जाकर पौधों का रोपण करेंगे साथ ही प्लास्टिक मुक्त, ग्रीन, क्लीन और सरीन जीवनशैली अपनाकर एक स्वस्थ और हरित भविष्य के निर्माण में भागीदारी का भी संकल्प लेते हैं। 

इस अवसर पर श्री दिनेश शर्मा, एडवोकेट, श्री ओपी गुप्ता, एडवोकेट, श्री दिनेश गुप्ता, श्री ओम प्रकाश गुप्ता, श्री गिरधारी गुप्ता, श्री गिरिराज प्रसाद शर्मा और विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु उपस्थित थे। यह 10 वीें कथा हैं, यह दल विभिन्न धार्मिक स्थानों पर जाकर कथायें करते हैं ताति ज्ञान का प्रकाश सभी को आलोकित करें।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *