• September 19, 2024

एम्स ऋषिकेश में 7 दिवसीय ‘रिग्रेशन मॉडलिंग इन हैल्थ रिसर्च यूजिंग आईबीएम एसपीएसएस’ विषय पर हाई एंड कार्यशाला का 20 से 26 सितंबर तक आयोजन किया जा रहा है।

 एम्स ऋषिकेश में 7 दिवसीय ‘रिग्रेशन मॉडलिंग इन हैल्थ रिसर्च यूजिंग आईबीएम एसपीएसएस’ विषय पर हाई एंड कार्यशाला का 20 से 26 सितंबर तक आयोजन किया जा रहा है।
Sharing Is Caring:

 

एम्स ऋषिकेश में 7 दिवसीय ‘रिग्रेशन मॉडलिंग इन हैल्थ रिसर्च यूजिंग आईबीएम एसपीएसएस’ विषय पर हाई एंड कार्यशाला का 20 से 26 सितंबर तक आयोजन किया जा रहा है। कम्युनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला साइंस एवं इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है।

कार्यशाला का उद्घाटन मंगलवार को एम्स ऋषिकेश निदेशक प्रोफेसर अरविन्द राजवंशी जी ने किया। उद्घाटन के दौरान निदेशक प्रो. राजवंशी जी ने इस तरह की कार्यशाला के आयोजन के लिए आयोजक मंडल की सचिव डा.रंजीता कुमारी एवं आयोजन मंडल की पहल को सराहा और उम्मीद जताई कि इस कार्यशाला के माध्यम से मेडिकल विद्यार्थियों को स्वयं अपने हाथों से सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्यशाला का उपयोग कोविड19 की भविष्य की स्थिति को जानने के लिए किया जा सकता है। निदेशक एम्स ने कहा ​कि इसके माध्यम से हम पूर्व में किए गए कार्यों का आंकलन कर भविष्य की योजना पर कार्य कर सकते हैं। उन्होंने प्लानिंग, गतिविधियों के आयोजन और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग को बेहतर बताया और विभाग के कार्यों को सराहा।

इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी ने कहा कि रिसर्च बेस्ड मेडिसिन अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह एक शोधपूर्ण विज्ञान है, लिहाजा अनुसंधान को प्रत्येक संस्थान में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि रिसर्च सभी के लिए अनिवार्य होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने रिसर्च विधि पर भी प्रकाश डाला। डीन ने बताया कि एम्स निदेशक प्रो. राजवंशी की अगुवाई में पीजीआई चंडीगढ़ में काफी अधिक रिसर्च कार्य हुआ है। सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना जी ने रीग्रेसन मॉडलिंग की आवश्यकता के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया एवं बताया कि यह एक डेटा एनालिसिस का तरीका है ,जिसका उपयोग हैल्थ रिसर्च के क्षेत्र में किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसमें कई प्रकार के डाटा प्रबन्धन टूल शामिल हैं और यह गहराई से विश्लेषण करने और सांख्यकीय जानकारी प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करता है।

कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से पीएचडी स्कॉलर और मेडिकल के पीजी स्टूडेन्ट्स प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें एम्स ऋषिकेश और एम्स भटिंडा के विशेषज्ञों सहित देहरादून और अन्य क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे । जिसमें डा.रंजीता कुमारी डा.भोला नाथ, डा.योगेश बहुरूपी, डा आंचल अवस्थी, डा.अनंत अवस्थी, डा. पुनीत कुमार गुप्ता, डा सोनम माहेश्वरी एवं मिस सुश्मिता राय शामिल हैं।

इस अवसर पर आयोजन कमेटी की सचिव डा. रंजीता कुमारी ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया एवं कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सीएफएम विभाग के डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. संतोष कुमार,डा.स्मिता सिन्हा, डा. मीनाक्षी खापरे,डा.महेंद्र सिंह, डा.अजीत भदौरिया एवं आयोजन समिति के सदस्य डा. योगेश बहुरूपी, डा. निसर्ग, डा. प्रतीक आदि मौजूद थे।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *