शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा गुरुकुल ज्वालापुर ÷ स्वामी रामदेव
कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड
हरिद्वार ÷ पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस, पतंजलि योगपीठ महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती एवं गुरुकुल के संस्थापक पूज्य स्वामी दर्शनानन्द जी की जयन्ती के अवसर पर पतंजलि योपगीठ परिवार विश्व के श्रेष्ठतम तथा विशालतम गुरुकुल ‘पतंजलि गुरुकुलम्’ का शिलान्यास करने जा रहा है। इसकी सूचना आज प्रेसवार्ता के दौरान स्वामी रामदेव जी महाराज ने दी। उन्होंने कहा कि स्वामी दर्शनानन्द जी द्वारा 118 वर्ष पूर्व 3 बीघा भूमि, 3 ब्रह्मचारी तथा 3 चवन्नी से प्रारंभ गुरुकुल का नाम हमने स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर रखा है जो शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि गुरुकुल ज्वालापुर की भूमि से एक नया इतिहास, नया कीर्तिमान रचा जाएगा। इस गुरुकुल का शिलान्यास देश के माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह करेंगे तथा इस भव्य कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी, एमिटी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अशोक चौहान सहित आर्य समाज के लगभग सभी विद्वान, विभिन्न गणमान्य, भजनोपदेशक और संन्यासी महापुरुष, हरिद्वार के सभी पूज्य आचार्य महामण्डलेश्वर और संत महात्मा उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने बताया कि यहाँ से तीन बड़े प्रकल्प संचालित होंगे जिसमें पहला लगभग 250 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला 7 मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम् होगा। इस गुरुकुल में लगभग 1500 विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग 250 करोड़ की लागत से आचार्यकुलम् की शाखा स्थापित की जाएगी जिसमें लगभग 5000 बच्चे डे-बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे। साथ ही यहाँ महर्षि दयानन्द अतिथि भवन बनाने की भी योजना है।
स्वामी जी ने कहा कि यहाँ बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ वो संस्कार दिए जाएँगे जिससे वे अपनी संस्कृति व अपनी जड़ों से जुड़ सकें। पूरे देश में सनातन के गौरव का कालखण्ड चल रहा है। एक ओर सनातन का बोध, भारत का बोध और दूसरी तरफ आधुनिक विषयों का बोध, यानि देश की सर्वश्रेष्ट आध्यात्मिक शिक्षा, सनातन की शिक्षा, भारत बोध, चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का, गौरव व स्वाभिमान का भाव बच्चों के भीतर जागृत किया जाएगा।
स्वामी जी ने कहा कि यहाँ श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा और श्रेष्ठतम प्राच्य विद्या दोनों का संगम होगा। हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत से लेकर कम से कम विश्व की 5 भाषाओं का बोध पतंजलि गुरुकुलम् व आचार्यकुलम् के बच्चों को होगा।
उन्होंने कहा कि चौहान समाज के लोगों ने गुरुकुल की सुरक्षा करने में बड़ी भूमिका अदा की है, अतः यहाँ सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। स्वामी जी ने बताया कि यहाँ 1 से 2 वर्ष के भीतर एक कम्यूनिटी सेन्टर बनाया जाएगा जिसका लाभ हरिद्वार के लोगों को मिलेगा।
कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री, पतंजलि फूड्स लि. के एम.डी. श्री रामभरत, पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी देवप्रिया, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा बहन ऋतम्भरा, क्रय समिति की अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एन.पी. सिंह, पतंजलि योग समिति के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’ व स्वामी परमार्थदेव, पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक ब्रिगेडियर टी.सी. मल्होत्रा, उपाध्यक्ष-प्रोजेक्ट एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर श्री शिवा प्रसाद गौरू, श्री अनिल चौहान, श्री छत्रपाल चौहान आदि उपस्थित रहे।