मजदूर आंदोलन को पुनर्जागृत करना ही प्रथम ध्येय होना चाहिए:-प्रेमचन्द सिमरा
हरिद्वार,सीपीएसटीयू के घटक दलों द्वारा दिल्ली में एक बैठक संपन्न हुई थी, जिसमें भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में पूरे भारत में आज 9 अगस्त को असहयोग आंदोलन विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया था। जिसमें कुछ मुख्य ज्वलंत समस्याओं को लेकर “भारत बचाओ दिवस” के रूप में आंदोलन किया गया। जिसमे मुख्यत: श्रम कानूनों में किए जा रहे मजदूर विरोधी परिवर्तनों का विरोध,भारत सरकार द्वारा न्यूनतम वेतनमान लागू नहीं किये जाना, भेल एवं अन्य पी.एस.यू की संपत्तियों को बेचने का विरोध के अलावा केंद्रीय सरकार के उपक्रम कोयला खदान, रेलवे, एलआईसी, बैंक, पावर सेक्टर, रक्षा क्षेत्र एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों के निजी करण एवं विनिवेशीकरण का विरोध किया गया।इसके अलावा पेंशनधारियों की पेंशन को ध्यान में रखते हुए भी पेंशन धारियों के साथ न्याय करने की मांग की गई
इस कड़ी में एच.एम.एस के राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू के आवाहन पर कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यूनियन कार्यालय पर सांय 3 बजे एक प्रदर्शन “भारत बचाओ दिवस” के रूप में किया गया। जिसकी अध्यक्षता एच.एम.एस हीप/सी.एफ.एफ.पी श्री प्रेम चंद्र सिमरा द्वारा की गई।।
मुख्य वक्ताओं में हीप महामंत्री पंकज शर्मा,फाउंड्री महामंत्री सचिन शर्मा,ऑल इंडिया भेल एचएमएस फेडरेशन के महामंत्री मनीष सिंह, राधेश्याम सिंह , नरेश सिंह, आशुतोष शर्मा, नरेश नेगी, वीरेंद्र चौहान, मुकेश चंद, अमित,अरुण नायक,लाल सिंह ,नरेश विश्वाल, योगेंद्र, सचिन राठी,पवन कुमार,संदीप रोहिला,अनुराग भारद्वाज संजय शर्मा, रणवीर, विपिन यादव, अशोक शर्मा, फिरोज, रविंद्र यादव,मनोज विश्वकर्मा, आदि ने अपने विचार रखे। साथ ही आह्वान क़िया कि देश में सरकार की मजदूर विरोधी नीति जारी रही तो संगठन क्रमवार आंदोलन जारी रखने को मजबूर होगा और अगर तब भी मजदूर विरोधी सरकार कुंभकरणी नींद से नहीं जागती है, तब यह आंदोलन आगे भी जारी रखा जाएगा।