• March 28, 2024

परमार्थ निकेतन विद्या मन्दिर में विद्यार्थियों को तनाव से मुक्त रखने हेतु कार्यशाला का आयोजन

 परमार्थ निकेतन विद्या मन्दिर में विद्यार्थियों को तनाव से मुक्त रखने हेतु कार्यशाला का आयोजन
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कमल अग्रवाल( हरिद्वार )उत्तराखंड

ऋषिकेश, (18 मार्च 2023) ÷ परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ निकेतन विद्या मन्दिर और नारी शक्ति केन्द्र में तनाव से मुक्त होने की कार्यशाला का आयोजन किया गया।

विभिन्न देशों से आये योगाचार्यों और तनाव मेनेजमेंट विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को योग और ध्यान के माध्यम से अपने प्रतिदिन के तनाव से मुक्ति के विषय में जानकारी दी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि अपने लिए प्रतिदिन छोटे-छोटे लक्ष्य रखें। ऐसे लक्ष्य जो कम समय में प्राप्त किए जा सकें। छोटे-छोटे लक्ष्यों को प्राप्त करने से दो चीजें प्राप्त होगी- पहला कि संतुष्टि मिलेगी, दूसरा कि तनाव का स्तर कम होगा परन्तु अगर लक्ष्य पूरे नहीं हुआ तो तनाव भी होगा और नये लक्ष्य की ओर नहीं बढ़ा जा सकता इसलिये हर दिन कुछ-न-कुछ ऐसी योजना हो, ताकि दिमाग सक्रिय रहे और तनाव कम हो सके।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि विद्यार्थियों को अपना तनाव कम करने के लिये योगाभ्यास, संगीत सुनना या नई चीजें सीखना, किताबें पढ़ना, खेलना, चित्रकला, फोटोग्राफी, घूमना-फिरना आदि को अपने जीवन का अंग बनाना होगा इससे तनाव मुक्त होकर जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि जीवन में तनाव को कम करने के लिये हमें आत्मावलोकन करना होगा, साथ ही अपनी तुलना दूसरों से न करें। अपनी सीमाओं को और अपने कौशल को समझें और पहचाने क्योंकि प्रत्येक विद्यार्थी अपने-आप में सक्षम है बस अंतर यह है कि कोई अपनी क्षमताओं पर अधिक ध्यान देता है, और कोई दूसरों को देखता रह जाता है।

साध्वी जी ने कहा कि विद्यार्थी आपने पढ़ने के तरीके को बदल कर अच्छे नम्बरों से परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते है क्योंकि परीक्षा उत्र्तीण करने का जादुई तरीका या फार्मूला नहीं होता। बच्चें अपनी दिनचर्या और अपने रूटीन में बदलाव कर तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं।
विद्यार्थियों के जीवन में अनुशासन हो, समय से उठे, जीवन में एक रूटीन हो, अनुशासित जीवनचर्या हो तो तनाव बिल्कुल नहीं होगा और अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।

स्वामी जी और साध्वी जी ने बच्चों के साथ समय बिताया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनन्द लिया।

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