• March 29, 2024

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग

 जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग
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कमल अग्रवाल (हरिद्वार) उत्तराखंड

ऋषिकेश, (14 मार्च 2023) ÷ परमार्थ निकेतन गंगा आरती में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों का अभिनन्दन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दुनिया में ऐसे अनेक लोग है जिनके जीवन को साध्वी जी ने अपने प्रेम और करूणा से परिवर्तित किया है।

स्वामी जी ने कहा कि जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी जी महाराज हमारे देश की शान है, सनातन धर्म का मान है और हमारी संस्कृति के ज्योतिर्धर हैं।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी जी महाराज ने साध्वी जी को उनके 52 वें दिव्य जन्मदिवस की शुभकामनायें प्रदान करते हुये कहा कि साध्वी जी ने हजारों-हजारों लोगों के जीवन में अद्भुत बदलाव लाया है। उनका जीवन शास्त्रोंक्त और प्रामाणिक है। उन्होंने योगियों से कहा कि यह आनन्द का समय है इस आनन्द को अपने साथ लेकर जाये। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तिम दिन योगियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि आप सब बहुत सौभाग्यशाली है कि आप माँ गंगा के पावन तट कर योग कर रहे हैं। उन्होंने सभी को कुम्भ मेला में सहभाग हेतु आमंत्रित किया है।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अन्तिम दिन 90 देशों से आये 1500 से अधिक प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि हमारे शास्त्रों में उन्लेख है वसुधैव कुटुम्बकम् और परमार्थ निकेतन में हमें इस दिव्य सूत्र को जीने का अवसर प्राप्त होता है। आज हम माँ गंगा के पावन तट पर विश्व एक परिवार को देख रहे हैं। आप यहां से आनन्द और शान्ति लेकर जाये।

माननीय श्री अश्विनी कुमार चौबेजी ने कहा कि माँ गंगा की गोद में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन अवसर पर मैं आप सब का आभारी हूँ और गौरवान्वित भी हूँ, मैं यहां स्वामी जी का आशीर्वाद और मां गंगा जी आरती के लिये आया हूँ।

उन्होंने कहा कि साध्वी जी विदुषी हैं, वे योग का संदेश पूरी दुनिया को दे रही हैं, सनातन संस्कृति का संदेश पूरी दुनिया में प्रसारित कर रही हंै । जीवेत शरदः शतम् उन्होंने सभी का अभिन्नदन और स्वागत करते हुये कहा कि हमारे यहां सनातन काल से ही यज्ञ और पूजा की परम्परा रही है।

स्वामी जी के नेतृत्व में गंगा जी की आरती के साथ विभिन्न नदियों पर भी आरती का क्रम आरम्भ किया है। उन्होंने नदियों की धारा को अविरल बनाने के लिये जल शक्ति मंत्रालय जो कार्य कर रहा है उसका उल्लेख करते हुये ‘अविरल धारा स्वच्छ किनारा’ थीम के बारे में विस्तार से बताया तथा नदियों के तटों पर पौधों के रोपण का ंसंदेश दिया। वसुधैव कुटुम्बकम् ‘‘वन अर्थ, वन फेमली और वन फ्यूचर’’ का भी उल्लेख किया।

हम संकल्प ले कि इस वसुधंरा को स्वच्छ बनाये रखे, सब का कल्यण हो, सब सुखी रहे। उन्होंने सभी का अभिनन्दन करते हुये कहा कि जब भी मैं स्वामी जी, पूज्य गुरूदेव को बुलाता हूँ वे जरूरी आशीर्वाद देने आते हैं। मुझे अनेकों बार स्वामी जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। मैंने उन्ही से प्रेरित होकर पर्यावरण के लिये कार्य शुरू किया। उन्होंने संदेश दिया प्रकृति और संस्कृति, नेचर और कल्चर को साथ लेकर चले। वंदे मातरम् के साथ गंगे मातरम् का नारा लगाये तो हमारी संस्कृति बची रहेगी। उन्होंने कहा कि इम्युनिटी के साथ अपनी हृयुमैनिटी और कम्युनिटी पर भी ध्यान दें।

राजा लुइस ने कहा कि यहां पर योगियों का सुन्दर परिवार उपस्थिति हैं, आपने योग के माध्यम से जो शान्ति और प्रेम प्राप्त किया है उसे अपने साथ लेकर जाये। साध्वी जी ने अपने जीवन से हजारों-हजारों लोगों के जीवन को प्रकाशित किया है। उनके जीवन से पे्रेरणा लेकर जाये।

स्वामी जी ने सभी पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा और जय गंगे अंगवस्त्र भेंट किया।

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