• April 19, 2024

ऋषिकेश की वायु में भी योग – स्वामी चिदानन्द सरस्वती

 ऋषिकेश की वायु में भी योग – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
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कमल अग्रवाल (हरिद्वार )उत्तराखंड

ऋषिकेश (13 मार्च 2023) ÷ परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 90 देशों से आये 1500 से अधिक योग जिज्ञासुओं ने आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में योगी महर्षि आश्रम, चौरासी कुटिया में ’ध्यान’ और विश्व शान्ति हेतु ’मौन जप’ किया। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की याद में इस पवित्र क्षेत्र में रूद्राक्ष के पौधों का रोपण कर स्वच्छ और हरित विकास का संकल्प सभी योगियों को कराया।

स्वामी जी ने सभी योग साधकों को ’शोर से दूर होकर शान्ति की ओर लौटे’ का संदेश दिया। योगी महर्षि आश्रम, चौरासी कुटिया में डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सभी को ध्यान का विशेष अभ्यास कराया।

परमार्थ निकेेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’ध्यान, विचारों से मुक्त होने की विधा है। जब तक आप अपने विचारों में उलझे रहते हंै तब तक ध्यान को उपलब्ध नहीं हो पाते। जैसे-जैसे आप विचारों से दूर होते जायेेेेेेेेंगे विचार शान्त होने लगेंगे वैसे-वैसे ध्यान के सागर में उतरने लगेंगे। ध्यान में जाना एक सतत प्रक्रिया है इसके लिये अपने मस्तिष्क में ध्यान के बीजों को रोपित करना होगा।

अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल संेटर के संस्थापक अमरीका रेवरेन्ड माइकल बेकविथ ने कहा कि आप सब महान हैं और हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। आप सभी योगी प्लानेट का एक समग्र शक्तिशाली पैकेज हैं जो पूरे प्लानेट को योग और एकता की शक्ति में पिरों सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने आप पर विश्वास कर जीवन में आगे बढ़ते रहें। शान्ति की खोज कहीं और करने की जरूरत नहीं है शान्ति तो प्रत्येक क्षण हमारे पास होती है, भीतर ही है।

डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने योगियों को संदेश दिया की योग की शक्ति को मानवता के कल्याण के लिये लगाये, मानवता के लिये योग करें। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है। योग और ध्यान भीतर से एकता की भावना उत्पन्न करता है, जिसके माध्यम से हम दुनिया से, अपनी प्रकृति से जुड़ सकते हैं। योग से जुड़कर हम अपनी जीवनशैली में बदलाव कर जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान जीवन जीने की कला है, जिसका लक्ष्य है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन है।

विश्व विख्यात योगाचार्य जिन्होेंने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग किया – अमेरिका की प्रसिद्ध योगाचार्य गुरुमुख कौर खालसा वर्षों से गुरुमुख योगी भजनों के माध्यम से कुंडलिनी योग का अभ्यास करा रही है। वे कुंडलिनी योग को भारत से पश्चिम में ले गयी। 1980 के दशक की शुरुआत में, गुरमुख और उनके पति गुरुशब्द सिंह ने अमेरिका में योगी भजन के पहले योग केंद्र का नेतृत्व किया।

उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से परमार्थ निकेतन में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आती हूँ और हर बार एक नयी ऊर्जा और मन की शान्ति लेकर लौटती हूँ। यह मेरे जीवन के विशेष पल होते हैं। यह स्थान योग साधना के लिये सबसे उपयुक्त स्थान है।

विश्व विख्यात योगाचार्य गुरुशब्द सिंह खालसा और उनकी पत्नी गुरमुख कौर गोल्डन ब्रिज योग के सह-संस्थापक हैं। साथ में उन्होंने 25 वर्षों तक लॉस एंजिल्स और न्यू मैक्सिको मेें योगी भजनों के माध्यम से कुंडलिनी योग साधना का अभ्यास कराया।

उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन योग, ध्यान और आध्यात्मिक साधनाओं के लिये अत्यंत उपयुक्त स्थान है। आप सभी विश्व के अनेक देशों से आये योगी यहां की दिव्यता को लेकर जाये, जो इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से आपने प्राप्त की है।

योगाचार्य केटी बी हैप्पी ने बताया की वर्ष 2015 में उनके चेहरे का दाहिने हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था उन्होंने योग व ध्यान की शक्ति तथा आत्मविश्वास के बल पर प्रसन्नतापूर्वक अपना जीवन शुरू किया और वह आज हजारों -हजारों लोगों को योग का अभ्यास करा रही है। परमार्थ निकेतन आकर योग साधक केवल योग का अभ्यास ही नहीं करते बल्कि योग के साथ वसुधैव कुटुम्बकम् विश्व एक परिवार है का संदेश लेकर जाते हैं।

फ्रांस से आयी एलिसा ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के अनेक देशों से योगाचार्य और योग करने के लिये लोग आते हैं। यहां पर न केवल योग का अभ्यास कराया जाता है बल्कि अध्यात्म, संस्कृति, दर्शन की गंगा भी प्रवाहित होती है। यहां आकर आप अनेक विधाओं का एक साथ अभ्यास कर सकते हैं।

आज प्रातःकाल परमार्थ की योगाचार्य डॉ इंदु शर्मा द्वारा हठ योग – चक्र संरेखण, संयुक्त राज्य अमेरिका की योगाचार्य लीला योग की संस्थापक एरिका कॉफमैन द्वारा लीला योग सूर्य नमस्कार, कैलिफोर्निया के शाऊल डेविड रे द्वारा डायनेमिक हार्ट सेंटर्ड मेडिटेशन, डॉ. एंड्रिया पैगे द्वारा ‘टू बी ह्यूमन’, गुमी और अरिंदम द्वारा ‘नाडा योग’ विख्यात योगाचार्य मोहन भंडारी द्वारा योगिक योग, विख्यात आयुर्वेदाचार्य डॉ. राघवन रामनकुट्टी और श्रीमती शारदा राघवन द्वारा कोविड का आयुर्वेदिक नैदान, परमार्थ निकेतन की साध्वी आभा सरस्वती जी, योग और वैदिक मंत्रोच्चारण तथा योग निद्रा, एंटी-एजिंग विशेषज्ञ मानसी गुलाटी द्वारा चेहरे का व्यायाम, अखंड योग संस्थान प्रकाशिनी जी ने ‘योग निद्रा‘, आयुर्वेदिक मेडिसिन थेरेपिस्ट उरुग्वे की मारिया अलेजांद्रा अवचारियन द्वारा ने ‘दोष – वात, पित्त और कफ’ के बारे में जानकरी दी गयी।

न्यूयॉर्क के ऑस्टियोपैथ चिकित्सक, साउंड प्रैक्टिशनर जोसेफ श्मिटलिन द्वारा सोनिक वाइब्रेशनल मेडिसिन – थेराप्यूटिक साउंड बाथ। स्वामी स्वात्मानंद द्वारा वैदिक ज्ञान, इरा त्रिवेदी द्वारा ‘ड्रीम अवेक- यिन योग ़ साउंड हीलिंग विद विजन क्वेस्ट’, ईस्ट लंदन स्कूल ऑफ योगा के स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट ने ‘योग वृक्ष’, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस के लिए प्रोजेक्ट एंड कम्युनिकेशन निदेशक, परमार्थ निकेतन की गंगा नंदिनी ने ‘कर्म योग- स्वार्थ से परमार्थ शीर्षक वाले सत्र का संचालन किया, जिसमें जरूरतमंद लोगों के उत्थान और सहायता के साथ श्रेष्ठ कर्मों के महत्व के बारे में बताया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के टॉमी रोसेन, अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध योग शिक्षक, ‘द सेक्रेड स्पेस ऑफ संतोष – ए लाइफ बियॉन्ड क्रेविंग (विनयसा और कुंडलिनी योग) आयुर्वेदिक मेडिसिन प्रैक्टिशनर और योगा ऑफ साउंड टीचर दीपिका डेलमेनिको ने ‘रेगुलेट योर नर्वस सिस्टम, साउंड एंड मंत्र’ नामक वर्कशॉप का आयोजन किया। केटी बी. हैप्पी ‘आई एम इनफिनिटीली पॉसिबल- ए जर्नल वर्कशॉप ऑन फाइंडिंग योर पर्पज’, सत्त्व योग अकादमी के संस्थापक आनंद मेहरोत्रा द्वारा ‘अलाइनिंग टू शिव – यूनिफाइड फील्ड ऑफ साइलेंस’ नामक सत्र, कीर्तनियास बैंड द्वारा भक्ति, योग साधना, रेडियंट बॉडी योग के संस्थापक किआ मिलर ने अपने सत्र ‘हारमोनाइज योर चक्र’ चक्रों की शक्ति और ऊर्जा के विषय में जाानकारी दी।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में आयोजित ‘भारत दर्शन’ अद्भुत कार्यक्रम का सभी प्रतिभागियों ने आनन्द लिया।

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